जातीय गणना पर रोक ; बोले लालू यादव ... पिछड़ों की गणना से डरती है BJP, जनता समझ चुकी है उनकी चालाकी

जातीय गणना पर रोक ; बोले लालू यादव ...  पिछड़ों की गणना से डरती है BJP, जनता समझ चुकी है उनकी चालाकी

PATNA : बिहार में चल रही जाति आधारित गणना पर कल पटना हाई कोर्ट ने स्टे लगा दिया है।  जिसके बाद से अब राज्य में किसी तरह की गणना नहीं की जाएगी और अभी तक का जो डाटा है उसे भी पब्लिक डोमिन में लाने से मना कर दिया गया है। वहीं, हाईकोर्ट के इस आदेश को लेकर राजनीतिक दलों में अलग रार छिड़ गयी है। इसी कड़ी में अब राजद सुप्रीमों लालू यादव ने भी भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। 


राजद सुप्रीमों लालू यादव ने ट्वीट कर कहा है कि, जातिगत जनगणना बहुसंख्यक जनता की माँग है और यह हो कर रहेगा। BJP बहुसंख्यक पिछड़ों की गणना से डरती क्यों है? जो जातीय गणना का विरोधी है वह समता, मानवता, समानता का विरोधी एवं ऊँच-नीच, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ेपन, सामाजिक व आर्थिक भेदभाव का समर्थक है। देश की जनता जातिगत जनगणना पर BJP की कुटिल चाल और चालाकी को समझ चुकी है। 


वहीं, लालू यादव से इस ट्वीट से बिहार की सियासत पहले से और अधिक गर्म होने वाली है। लालू फिलहाल बिहार में हैं और कुछ दिन पहले ही वो पार्टी के सभी  विधायक, मंत्री और विधान पार्षदों से मुलाकात कर उन्हें आगे की राजनीति को लेकर टास्क दे चुके हैं। इसके बाद जब अब उनकी पार्टी जाति आधारित गणना पर रोक को लेकर क्या रुख रखेगी लालू यादव ने अपने ट्वीट के जरिये बता दिया है। 


लालू यादव ने इशारों ही इशारों में यह कह दिया है कि,  जातिगत जनगणना बिहार की जनता का मांग है। इसलिए इस पर रोक लगाने से कोई असर नहीं होने वाला है। दरअसल, भाजपा के लोगों को पिछड़ों की गणना से परहेज है वो इनलोगों की गणना से डरती है। ये कहते हैं है कि, हम गरीबों, बेरोजगारो, पिछड़ों के समर्थक हैं और आज जब इनके विकास के लिए गणना हो रही थी तो इन्हें उससे परहेज था।  इस देश की जनता भाजपा की चाल को समझ चुकी है। इस बार उन्हें इसका जवाब दिया जाएगा। 


आपको बताते चलें कि, तेजस्वी यादव ने कहा कि आज नहीं तो कल जातीय गणना होकर रहेगी। हम जातीय गणना कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बिहार की जनता भी चाहती है कि जातीय गणना करायी जाए। यह बिहार के लोगों के हित के लिए हैं। वे इसकी लड़ाई आगे भी लड़ते रहेंगे। तेजस्वी यादव ने कहा कि जातीय गणना कराने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया था। यह किसी जाति विशेष के लिए नहीं हो रहा था बल्कि सबके के लिए किया जा रहा था। सभी जातियों का विकास हो इसके लिए हमलोगों ने यह फैसला लिया था।