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जाति गणना: सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई, नीतीश सरकार ने कोर्ट से किया है ये अनुरोध

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 18 May 2023 08:28:43 AM IST

जाति गणना: सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई, नीतीश सरकार ने कोर्ट से किया है ये अनुरोध

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DELHI : बिहार में दो चरणों में करवाए जा रहे जातिगत गणना पर पटना हाईकोर्ट ने तीन जुलाई रोक लगा दी है। जिसके बाद राज्य सरकार के याचिका दायर कर जल्द सुनवाई की मांग हाई कोर्ट से की गयी, लेकिन कोर्ट ने इस मांग को ठुकरा दिया।  इसके बाद अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच चुकी है। जिसमें कल सुनवाई होनी थी,लेकिन इस मामले में एक जज का खुद का नाम हटा लने से अब इसी मामले में आज सुनवाई की उम्मीद जताई जा रही है। 


दरअसल, बिहार में जाति आधारित गणना पर अंतरिम रोक लगाने के पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली बिहार सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को सुनवाई करेगा। नीतीश सरकार की याचिका पर सर्वोच्च अदालत में बुधवार को ही सुनवाई होने वाली थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय करोल ने सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। इसके कारण सुनलाई टाल दी गई। अब गुरुवार को राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई की जाएगी। 


मिली जानकारी के मुताबिक़, सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार के वकील मनीष सिंह ने बताया कि गुरुवार या शुक्रवार को सुनवाई होगी। सरकार ने हाइकोर्ट द्वारा तीन जुलाई को जाति गणना मामले की सुनवाई करने संबंधी आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी कर रखी है। इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश बीआर गवई और न्यायाधीश संजय करोल की पीठ को करनी थी। 


इससे पहले पटना हाईकोर्ट के 4 मई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत में दायर याचिका में बिहार सरकार ने कहा है कि जातीय जनगणना पर रोक से पूरी कवायद पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। जाति आधारित डेटा का संग्रह अनुच्छेद 15 और 16 के तहत एक संवैधानिक जनादेश है। संविधान का अनुच्छेद 15 कहता है कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के भी आधार पर किसी भी नागरिक से भेदभाव नहीं करेगा। अनुच्छेद 16 कहता है कि राज्य सरकार के अधीन किसी भी कार्यालय में नियुक्ति के संबंध में सभी के लिए समान अवसर होंगे।


आपको बताते चलें कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पटना हाइकोर्ट ने इसी महीने चार मई को अंतरिम फैसला देते हुए जाति गणना पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया था। हाइकोर्ट के फैसले को बिहार सरकार ने पटना हाइकोर्ट में इंटरलोकेटी याचिका दायर की थी, जिसे हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया। इसके बाद बिहार सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.लेकिन संजय करोल ने खुद को इस मामले से अलग करने के बाद अब दूसरी पीठ के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए गुरुवार को सूचीबद्ध करने का आग्रह को पीठ ने स्वीकार कर लिया।