DELHI : बिहार में जाति आधारित गणना यानी जातीय गणना पर रोक लगाने की मांग वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने जातिगत गणना कराने के लिए जारी की गई अधिसूचना को रद्द करने की मांग के लिए तीन याचिकाएं दाखिल की गई है। इसमें से सबसे पहली याचिका नालंदा के एक सामाजिक कार्यकर्ता की है और दूसरी याचिका हिंदू सेना के तरफ से की गई है।
मालूम हो कि, सुप्रीम कोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख 1 दिन पहले बदलकर 27 जनवरी कर दी थी। तकनीकी कारणों की वजह से यह फैसला लिया गया था। हालांकि बाद में सुनवाई की तारीख फिर से 20 जनवरी ही रखी गई है।
जानकारी के अनुसार, नालंदा के एक सामाजिक कार्यकर्ता अखिलेश कुमार ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने बिहार सरकार के जातिगत गणना कराने के फैसले को असंवैधानिक बताया था। उन्होंने कहा था कि राज्य सरकार को यह अधिकार नहीं है कि वह जनगणना करवाएं इसलिए नीतीश सरकार ने 6 जून 2022 को जो नोटिफिकेशन जारी किया था उसे रद्द किया जाए।
आपको बताते चलें कि बिहार में पहले चरण की जाति आधारित गणना 7 जनवरी को शुरू हुई थी जो कि सोमवार को खत्म हो जाएगी पहले चरण में मकानों की गिनती की जा रही है इसके बाद अप्रैल महीने में दूसरे चरण की गणना की जाएगी जिसमें मकानों के अंदर रहने वाले लोगों की जातियों और अन्य जानकारी जुटाई जाएगी।