DESK: ईरान में फंसे 5 भारतीयोंं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वतन वापसी की गुहार लगायी है। एक वीडियो के माध्यम से पीएम मोदी से गुहार लगा रहे युवकों का कहना है कि उनकी जान खतरे में है वतन बुला लीजिए पीएम साहब, नहीं तो यहां मर जाएंगे। ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों में एक बिहार के छपरा का रहने वाला है।
ईरान से भेजे गये वीडियो में युवकों का कहना है कि ड्रग्स के झूठे केस में फंसा कर 400 दिनों तक जेल में रखा गया। रिहाई के बावजूद अब तक पासपोर्ट व जरूरी कागजात तक नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में इंडिया लौटने में उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वे वापस घर लौट पाएंगे या नहीं यह कहना बेहद मुश्किल है। भारतीय दूतावास से उन्होंने मदद मांगी लेकिन बिना डॉक्यूमेंट के उनकी बातों को सुनने वाला तक कोई नहीं है।
वतन की वापसी की मांग कर रहे इन युवकों को अब सिर्फ देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही भरोसा है। दरअसल ईरान में फंसे 5 नागरिकों को जॉब के दौरान ही 21 फरवरी 2020 को ईरानियन अथॉरिटी ने ड्रग्स तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। 400 दिनों तक जेल में रहने के बाद 9 मार्च 2021 को इराक न्यायालय के चाबहार कोर्ट ने पांचों को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया था। साथ ही इनका वैध कागजात उपलब्ध कराते हुए इन्हें भारत भेजने का आदेश दिया था लेकिन ईरान सरकार के अधिकारियों द्वारा कागजात उपलब्ध नहीं कराए जाने से सभी ईरान में भी फंसे हुए हैं।
ईरान में फंसे युवकों में एक बिहार के छपरा का रहने वाला है जिसका नाम प्रणय कुमार बताया जा रहा है। प्रणय गरखा के साधपुर जुरनी गांव का रहने वाला है। परिजन प्रणय की वापसी की आस लगाए बैठे है और पीएम मोदी और उच्च अधिकारियों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं। परिजनों ने बताया कि मुंबई में रहकर मर्चेंट नेवी की तैयारी करने के बाद वह एक एजेंट के झांसे में पड़ गया।
बिहार के छपरा के रहने वाले प्रणय कुमार भी फंसे हुए हैं। यहां के गरखा प्रखंड के साधपुर जुरनी गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है। परिजन डरे हुए हैं। प्रणय के पिता अवधेश तिवारी और माता उर्मिला देवी बेटे की वापसी की आस लगाए प्रधानमंत्री और उच्च अधिकारियों से गुहार लगा रही हैं। प्रणव कुमार के परिजनों ने दैनिक भास्कर से बताया कि प्रणव मुंबई में रहकर मर्चेंट नेवी की तैयारी करने के बाद एक एजेंट के झांसे में आकर नौकरी के लिए विदेश गए थे। फरवरी 2019 में भारतीय एजेंट के माध्यम से मर्चेंट नेवी की नौकरी करने दुबई जाने वाले पांच युवकों में बिहार के प्रणव के साथ तमिलनाडु के एक युवक, महाराष्ट्र के दो युवक, उत्तराखंड के एक युवक शामिल थे।
ईरान से भेजे गये वीडियो में पांचों युवक घर वापसी की मांग कर रहे हैं। युवकों ने बताया कि वे जानवर जैसी जिंदगी जीने को मजबूर हैं। उन्हें खाना भी नसीब नहीं हो पा रहा है। भारतीय दूतावास से भी उन्होंने मदद मांगी लेकिन बिना डॉक्यूमेंट के उनकी बातों को सुनने वाला तक कोई नहीं है। अब तक ईरान के अधिकारियों द्वारा भी पहचान पत्र वापस नहीं किया है। सजा पूरी करने के बाद पांचों युवक ईरान में फंसे हुए और एक वीडियो के जरिए पीएम मोदी से अपनी फरियाद लगा रहे हैं। वही उनके परिजनों ने भी प्रधानमंत्री से मदद की गुहार लगाई है।