PATNA : बिहार के बहुचर्चित कर्मचारी चयन आय़ोग घोटाले के आऱोपी आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार पटना के तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज पर केस करना चाहते हैं. तीन साल से ज्यादा समय तक जेल में रह चुके सुधीर कुमार कह रहे हैं कि मनु महाराज ने जालसाजी कर उन्हें फंसाया. वे इसका केस थाने में करना चाहते हैं. 36 पेज का आवेदन लेकर वे चार महीने से पटना के पुलिस थानों का चक्कर काट रहे हैं. शनिवार को वे पटना के एससी-एसटी थाने पहुंच गये, जहां खूब ड्रामा हुआ.
कौन हैं सुधीर कुमार
साढे चार साल पहले यानि 2017 में बिहार में कर्मचारी चयन आयोग घोटाला हुआ था. कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा होने से पहले प्रश्न पत्र लीक हो गया था. इस मामले की जांच हुई तो आय़ोग के तत्कालीन अध्यक्ष सुधीर कुमार दोषी पाये गये. आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार को 24 फरवरी 2017 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था. उसके बाद उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया था. साढ़े तीन साल तक जेल में रहने के बाद पिछले साल 7 अक्टूबर को वह जमानत पर रिहा होकर जेल से बाहर आए थे. जमानत मिलने के बाद सरकार ने उन्हें निलंबन मुक्त कर राजस्व पर्षद का सदस्य बनाया था.
SC-ST थाने में ड्रामा
सुघीर कुमार शनिवार की दोपहर पटना के एससी-एसटी थाने में पहुंच गये. थाने में मौजूद थानेदार को उन्होंने 36 पेज का आवेदन सौंपा और कहा कि एफआईआर करें. थानेदार ने आवेदन पढ़ा तो उनका दिमाग घूम गया. सुधीर कुमार थाने में बैठे रहे और थानेदार वहां से निकल गये. सूत्रों ने बताया कि वे आवेदन लेकर बड़े अधिकारियों के पास चले गये थे. सूत्रों के मुताबिक आईएएस सुधीर कुमार के आवेदन में पटना पुलिस के अधिकारियों पर आरोप लगाये गये थे. सुधीर कुमार पटना के तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज औऱ दूसरे अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं.
थानेदार उनका आवेदन लेकर थाने से निकल गये लेकिन सुधीर कुमार वहीं बैठे रहे. दो घंटे तक वे थाने में बैठ कर इंतजार करते रहे. इस बीच मीडिया को मामले की खबर मिली तो मीडियाकर्मी थाने पहुंच गये. मामले ने तूल पकड़ना शुरू किया तो पटना के दो दूसरे थानों के थानेदारों को एससी-एसटी थाने में भेजा गया. सुधीर कुमार को कहा गया कि वे घर जायें उनके आवेदन पर कार्रवाई होगी. लेकिन सुधीर कुमार एफआईआर होने पर ही थाने से जाने की जिद पर अड़े थे. दो घंटे बाद एससी-एसटी थाने के थानेदार वापस वहां पहुंचे. उन्होंने सुधीर कुमार के आवेदन की एक कॉपी पर थाने की रिसीविंग दी. मुहर औऱ हस्ताक्षर के साथ उन्हें रिसीविंग दी गयी और तब सुधीर कुमार थाने से जाने को तैयार हुए.
मनु महाराज पर केस करना चाहते हैं सुधीर कुमार
एससी-एसटी थाने से निकले सुधीर कुमार से मीडिया ने पूछा कि आखिरकार वे किस पर और क्यों एफआईआर करना चाहते हैं. सुधीर कुमार ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया. मीडिया ने जब बहुत कुरेदा तो वे बोले कि उनके साथ जालसाजी हुई है. उनसे पूछा गया कि आखिरकार जालसाजी किसने की है. कई बार सवाल पूछने पर सुधीर कुमार ने कहा कि मनु महाराज ने उनके साथ जालसाजी की है. दरअसल कर्मचारी चयन आय़ोग घोटाले की जांच पटना पुलिस की एसआईटी ने की थी औऱ उस एसआईटी का नेतृत्व तत्कालीन एसएसपी मनु महाराज कर रहे थे.
चार महीने से थाने का चक्कर लगा रहे हैं
सुधीर कुमार ने कहा कि उन्होंने पिछले 5 मार्च को ही पटना के शास्त्रीनगर थाने में मनु महाराज के खिलाफ एफआईआर करने के लिए आवेदन दिया था. जब वे थाने में आवेदन दे रहे थे तो वहां पटना के एसएसपी औऱ डीएसपी मौजूद थे. उन्हें रिसीविंग दे दी गयी लेकिन एफआईआर नहीं दर्ज किया गया. सुधीर कुमार ने कहा कि उन्होंने पटना के एसएसपी को पत्र लिखकर जानकारी मांगी कि उनके आवेदन पर क्या कार्रवाई हुई. कोई जवाब नहीं आया. आऱटीआई से भी जानकारी मांगी गयी लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला. ऐसे में वे फिर से एससी-एसटी थाने में एफआईआर कराने आये हैं. यहां भी एफआईआर दर्ज करने के बजाय आवेदन की रिसीविंग दी जा रही है.
उधर एससी-एसटी थाने के थानेदार ने बताया कि सुधीर कुमार ने जो आवेदन दिया है उसे रिसीव कर लिया गया है. 36 पेज का आवेदन दिया गया है. उसका अध्ययन किया जा रहा है. उसके बाद जो भी विधि सम्मत कार्रवाई होगी वह की जायेगी. थानेदार ने भी ये बताने से इंकार कर दिया कि आखिरकार आवेदन में लिखा क्या गया है.
सूत्र बता रहे हैं कि सुधीर कुमार ने अपने आवेदन में कहा है कि पटना पुलिस ने उन्हें साजिश के तहत कर्मचारी चयन आयोग घोटाले में फंसाया है. उनका आरोप है कि पटना के तत्कालीन सीनियर एसपी मनु महाराज ने फर्जी सबूत गढ कर उन्हें फंसाने की साजिश रची थी. अपने 36 पेज के आवेदन में उन्होंने सारे तथ्यों की डिटेल जानकारी दी है.