BEGUSARAI: इंस्पेक्टर कहेगा तो निर्दोष को जेल भेज दोगे। बेगूसराय कोर्ट ने तल्ख अंदाज में अनुसंधानकर्त्ता दारोगा की जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा.. तुम्हारे खिलाफ भी एफआईआर हो सकती है डीजीपी पटना को यदि लिखकर भेज दूं.. मानवाधिकार जानते हो मानवाधिकार को लिख दूं? तुम्हारी गलती के कारण 8 महीने से एक गूंगा व्यक्ति मोबाइल चोरी के झूठे इल्जाम में जेल में बंद है। जेल में बंद गूंगा व्यक्ति की पत्नी भी गुंगी है, दो छोटे-छोटे बच्चे हैं और गांव समाज में भीख मांग कर किसी तरह जिन्दगी जी रहे हैं। इसका भी अंदाजा है तुम्हें, तुमने कितना बड़ा गुनाह किया है, यह तल्ख अंदाज बेगूसराय जिले के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार के थे..
जो जेल बंद आरोपित भगवानपुर थाना के तेलन जोकिया निवासी राजीव सहनी की नियमित जमानत आवेदन 470/24 की सुनवाई कर रहे थे। न्यायाधीश ने केस डायरी दारोगा को देकर कहा कि केस डायरी पढ़ कर बताओ इसके खिलाफ क्या साक्ष्य है। दारोगा न्यायाधीश के तल्ख अंदाज को देखकर सकते में आ गया और उसने धीरे से कहा कि इंस्पेक्टर साहब ने सुपरविजन में डायरेक्शन दिया कि इसके खिलाफ चार्जशीट करो यह सुनते ही न्यायाधीश ने कहा कि इंस्पेक्टर किसी को गला काटने कहेगा तो गला काट दोगे।
अगर आपके पास इसके खिलाफ सबूत नहीं था तो कैसे न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दिया। न्यायाधीश ने दारोगा को कहा की केस डायरी का पारा 55 पढ़ो जिसमें सुपरविजन में लिखा है कि घटना अज्ञात के विरुद्ध सत्य प्रतीत होती है। कोर्ट ने दरोगा को फटकार लगाने के बाद कहां की कानून के अंदर काम करो हम यहां इंसाफ करने के लिए बैठे हुए हैं हम किसी के साथ ना इंसाफी होने नहीं देंगे। जमानत आवेदन पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने आरोपित को जमानत दे दी।
बता दें कि भगवानपुर थाना अंतर्गत सूची का गुड़िया देवी ने एक मुकदमा भगवानपुर थाना कांड संख्या 287 /23 दर्ज कराई थी ।सूचिका ने अपने मुकदमा में बताया था कि अज्ञात चोरों के द्वारा उसके घर में चोरी कर ली गई है। इसी मुकदमे में आरोपित राजीव सहनी को 8 महीना पूर्व अनुसंधानकर्त्ता द्वारा गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था और उसके खिलाफ आरोप पत्र भी न्यायालय में समर्पित कर दिया है।