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DESK : चीन से आईं रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट के गुणवत्ता पर सवाल खड़े होन के बाद कई जगहों पर इससे की जाने वाली जांच को रोकना पड़ा था. इसी बीच अच्छी खबर यह है कि हम चीन पर कोरोना रैपिड टेस्ट किट के लिए निर्भर नहीं रहेंगे. हमारे देश में भी कोरोना रैपिड टेस्ट किट बनाई जाने लगी है. गुरुग्राम के मानेसर में अब तक तीन लाख रैपिड टेस्ट किट तैयार हो चुकी हैं. वहीं 10 से 12 लाख किट अगले 8 दिन में और तैयार हो जाएंगे.
गुरुग्राम के मानेसर में सरकारी कंपनी एचएलएल हेल्थकेयर और दक्षिण कोरियाई कंपनी एसडी बायोसेंसर रैपिड एंटीबॉडी टेस्ट किट बनाने में जुटी हुई हैं. इस कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़े लोगों का कहना है कि एक दिन में एक लाख टेस्ट किट बनाने की क्षमता है. जिसे जरुरत के हिसाब से तीन लाख तक बढ़ाया जा सकता है. यह टेस्ट किट चीनी किट के मुकाबले 400 रुपये सस्ती है. इसकी कीमत 389 रुपये है. एक माह में एक करोड़ किट तैयार करने का लक्ष्य है. अगले 8 दिनों में 10 से 12 लाख टेस्ट किट तैयार हो जाएंगी.
वहीं लोनावला स्थित डायग्नोस्टिक फर्म माइलैब्स आरटी-पीसीआर किट बना रही है. यह किट ढ़ाई घंटे में रिजल्ट देती है. अभी प्रति सप्ताह 1.25 से 1.50 लाख किट बन रही हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल में बताया था कि देश में मई से 20 लाख टेस्टिंग किट हर माह बन सकेंगी. इनमें से 10 लाख रैपिड एंटीबॉडी जबकि 10 लाख आरटी पीसीआर किट होंगी. अभी हर माह छह हजार वेंटीलेटर बनाने की क्षमता है.
वहीं बीएचयू ने जांच की स्ट्रीप तकनीक का खोज किया है. यह आरटी-पीसीआर किट की तकनीक है. शोधकर्ताओं का दावा है कि इससे जांच रिपोर्ट छह घंटे के भीतर मिल जाएगी.