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IGIMS में ठप है जीनोम सीक्वेंसिंग, कैसे होगी ओमिक्रोन संक्रमितों की पहचान

1st Bihar Published by: Updated Mon, 31 Jan 2022 08:55:49 AM IST

IGIMS में ठप है जीनोम सीक्वेंसिंग, कैसे होगी ओमिक्रोन संक्रमितों की पहचान

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PATNA : इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूयूट आफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में जीनोम सीक्वेंसिंग ठप है. इसलिए प्रदेश में कितने ओमिक्रोन के मरीज हैं इसकी पहचान नहीं हो पा रही है. अभी तक यहां दो बार ही जांच हो सकी है. पहली बार में 32 सैंपल में 28 तथा दूसरे में 40 में 40 सैंपल ओमिक्रोन संक्रमित मिले थे.


अस्पताल प्रबंधन इसका कारण री-एजेंट उपलब्ध नहीं होना बता रहा है. री-एजेंट के खत्म होने से ओमिक्रोन जांच के लिए कोरोना संक्रमित के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग पूरी तरह बंद हो गई है.


आइजीआइएमएस के माइक्रोबायोलाजी विभागाध्यक्ष डा. नम्रता कुमारी ने बताया कि एक बार जीन सीक्वेंसिंग के लिए प्रोसेस करने के लिए नौ से 10 लाख रुपये खर्च होते हैं. री-एजेंट के लिए संस्थान से आग्रह किया गया है. जल्द ही आने की उम्मीद है. वहीं  चिकित्सा अधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि री-एजेंट का आर्डर दिया गया है. वह यूएसए से आता है, दिल्ली पहुंच चुका है. उम्मीद है कि एक-दो दिनों में संस्थान के पास उपलब्ध होगा.


आपको बताते चलें कि राज्य में जीन सीक्वेंसिंग की एकमात्र सुविधा आइजीआइएमएस में ही उपलब्ध है. कोरोना के केस में कमी आने के कारण अस्पताल प्रबंधन की ओर से शिथिलता देखी जा रही है. बिहार में 24 घंटे में कोरोना के 1238 नए मामले सामने आए हैं. वही पटना में 158 नए केसेज सामने आए हैं. वही एक्टिव मामलों की संख्या 6557 हो गयी है. 24 घंटे में बिहार में 150058 लोगों की कोरोना जांच हुई जिसमें 1238 नए मामले सामने आए है.