PATNA : पटना हाई कोर्ट ने राजधानी समेत सूबे में कोरोना के गंभीर हालत मामले में अदालत द्वारा उठाए गए प्रश्नों के संबंध में की गई कार्रवाई का विस्तृत ब्योरा पेश करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया है. इस मामले में अदालत ने राज्य सरकार को आगामी 20 अगस्त तक का मोहलत दिया है. इसके पहले भी अदालत ने उक्त मामले को लेकर राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को कोविड- 19 महामारी से निपटने में की गई कार्रवाई का विस्तृत ब्योरा पेश करने को कहा था.
दिनेश कुमार सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने गुरुवार को उक्त निर्देश राज्य सरकार को दिया है. अदालत ने कोरोना संकट से निपटने, कोरोना मरीजों की जांच व ईलाज की व्यवस्था का पूरा ब्यौरा भी पेश करने को कहा था. साथ ही साथ हाइकोर्ट ने जिलावार कोविड अस्पतालों की जानकारी, अभी तक किये गए जांच और किये जाने का विवरण, वहाँ कार्यरत डॉक्टरों, आइसोलेशन सेन्टर की संख्या, नर्स व अन्य मेडिकल कर्मियों के संबंध में विस्तृत जानकारी देने को भी कहा है। अदालत को बताया गया कि राज्य में कोरोना मरीजों की तादाद बड़ी तेजी से बढ़ रही है, लेकिन जांच औऱ ईलाज की पर्याप्त सुविधाओं का अभाव न है.
राजधानी पटना में भी एम्स, पीएमसीएच, एनएमसीएच जैसे बड़े अस्पतालों में भी कुव्यवस्था है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है. अदालत ने राज्य सरकार को अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलिंडर, वेंटिलेटर और कोरोना इलाज के लिए अन्य सुविधाओं का ब्यौरा देने का निर्देश दिया. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रितिका रानी ने अदालत को यह भी बताया कि राज्य में 9 आरटीपीसीआर होने की जानकारी राज्य सरकार ने दी, जिससे कोरोना की सही जांच होती है, लेकिन तकरीबन 12 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य में इतने से जांच करना आखिर कैसे संभव है. इस मामले में आगे की सुनवाई आगामी 20 अगस्त को होगी.