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Neem Karauli Baba: नीम करौली बाबा का हनुमान सेतु मंदिर; आस्था, चमत्कार और इतिहास का है केंद्र

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 27 Dec 2024 11:23:33 PM IST

Neem Karauli Baba: नीम करौली बाबा का हनुमान सेतु मंदिर; आस्था, चमत्कार और इतिहास का है केंद्र

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Neem Karauli Baba: गोमती नदी के किनारे स्थित हनुमान सेतु मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि श्रद्धा और चमत्कार का जीवंत प्रतीक भी है। इस मंदिर की स्थापना नीम करौली बाबा ने कराई थी, जिन्हें कलियुग में हनुमान जी का अवतार माना जाता है। बाबा के भक्त उन्हें महाराज जी के नाम से भी पुकारते हैं।


मंदिर में हनुमान जी की सफेद संगमरमर की भव्य मूर्ति स्थापित है, जो यहां आने वाले भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। मंदिर का निर्माण एक चमत्कारी घटना के बाद हुआ। वर्ष 1960 में गोमती नदी में बाढ़ आई थी, जिससे मंदिर के पीछे स्थित बाबा की कुटिया तो बह गई, लेकिन मंदिर को कोई नुकसान नहीं हुआ।


पुल निर्माण में बाधा और बाबा का चमत्कार

1960 के बाद सरकार ने हनुमान सेतु पुल का निर्माण शुरू किया। लेकिन पुल निर्माण के दौरान कई बाधाएं आने लगीं, जिससे बिल्डर काफी परेशान हो गए। बाबा से मदद मांगने पर उन्होंने सलाह दी कि पुल से पहले हनुमान जी का मंदिर बनवाया जाए। बाबा के सुझाव पर मंदिर का निर्माण शुरू हुआ, और इसके साथ ही पुल निर्माण में आने वाली सभी समस्याएं समाप्त हो गईं।


मंदिर का शुभारंभ और वार्षिकोत्सव

हनुमान सेतु मंदिर का उद्घाटन 26 जनवरी 1967 को हुआ। तब से यह स्थान न केवल लखनऊ के लोगों के लिए, बल्कि पूरे भारत के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। हर साल यहां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया जाता है।


नीम करौली बाबा और हनुमान सेतु मंदिर का महत्व

नीम करौली बाबा का यह मंदिर उनकी दिव्य शक्ति और हनुमान जी की कृपा का प्रतीक है। भक्त मानते हैं कि यहां दर्शन करने से हर संकट दूर हो जाता है। बाबा के चमत्कारों और उनकी आध्यात्मिक ऊर्जा ने इस मंदिर को धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बना दिया है। हनुमान सेतु मंदिर आज भी श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास का केंद्र है, जहां भक्त जीवन की समस्याओं से मुक्ति और मन की शांति के लिए आते हैं।