ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Chunav: सीट शेयरिंग के 12 घंटे बाद ही JDU के लिए आई बुरी खबर, यह नेता देने जा रहे इस्तीफा; इस इलाके में बढ़ेगी NDA की मुश्किलें Lalu Yadav IRCTC Scam: IRCTC घोटाला मामले में लालू-तेजस्वी पर आरोप तय, बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लगा बड़ा झटका Bihar Election 2025 : अरुण कुमार सिन्हा का पत्ता साफ़,पार्टी नए कैंडिडेट को देगी मौका;इनके नाम की चर्चा तेज Bihar Assembly Election 2025 : NDA में सीट बंटवारे से BJP ने दिए बड़े संकेत, लोकसभा के बाद से शुरू हुई चर्चा पर लगा विराम; जानिए कैसे बना यह फार्मूला Patna News: मां ने कर दिया गजब खेल ! बेटे के साथ मिलकर हसबैंड के लिए बना लिया ख़ास प्लान, जानिए कैसे खुला राज Bihar Assembly Election 2025 : NDA में कोई नाराज़गी नहीं, शाम तक उम्मीदवारों की सूची घोषित करेगी भाजपा: दिलीप जायसवाल Human On Moon: चांद पर कैसी होगी जिंदगी? जानिए वहां रहने के फायदे और नुकसान Patna News: 'सोनू' निकला इमरान, पटना में हिंदू बनकर युवती से की शादी; खुलासे के बाद मचा बवाल ODI में सबसे बड़ा World Record तोड़ने की ओर अग्रसर भारत का चैंपियन, वर्तमान में इस पाकिस्तानी प्लेयर के नाम है यह कीर्तिमान Bihar Election 2025 : NDA में सीट बंटवारा के बाद कैंडिडेट चयन को लेकर आया यह फार्मूला, BJP में 80% पुराने कैंडिडेट हो सकते हैं वापस

‘बिहार का मुख्यमंत्री होगा मांझी की संतान’ सीएम की कुर्सी पर HAM की नजर, पटना में पोस्टर लगाकर एलान कर दिया

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Fri, 23 Feb 2024 03:07:59 PM IST

‘बिहार का मुख्यमंत्री होगा मांझी की संतान’ सीएम की कुर्सी पर HAM की नजर, पटना में पोस्टर लगाकर एलान कर दिया

- फ़ोटो

PATNA: महज चार विधायकों के दम पर बिहार की सत्ता में भागीदार बने जीतन राम मांझी आए दिन तरह-तरह के बयान देकर सरकार पर दबाव बनाते रहे हैं। जब उनकी पार्टी महागठबंधन की सरकार में शामिल थी तब उन्होंने शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और अब जब बिहार में एनडीए की सरकार है तो मांझी की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है।


दरअसल, जीतन राम मांझी चाहे जिस भी सरकार में रहे अपनी महत्वकांझा को पूरा करने के लिए सहयोगी दलों के खिलाफ कुछ न कुछ कहते रहते हैं। बिहार में सरकार चाहे महागठबंधन की हो या फिर एनडीए की मांझी राजनीति के बड़े खिलाड़ी की तरह समय से पहले पाला बदलते रहते हैं और अपनी मंशा को पूरा करने के लिए जिस पाले में रहते हैं उसी के खिलाफ बयानबाजी करते रहते हैं।


एनडीए के साथ जाने से पहले जब जीतन राम मांझी की पार्टी महागठबंधन की हिस्सा थी। तब उन्होंने शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ क्या कुछ नहीं कहा। एनडीए के साथ जाने के बाद से ही मांझी नीतीश कुमार के पाला बदलने का दावा कर रहे थे और उनका दावा सही भी साबित हो गया। बिहार में एनडीए की सरकार में वे सहयोगी बने और दो मंत्री पद की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने लगे।


कैबिनेट का विस्तार हुआ तो उनके बेटे संतोष सुमन को दो विभागों का मंत्री बनया गया, जिसके बाद मांझी नरम पड़ गए। महज चार विधायकों के बल पर बिहार में सत्ता की चाबी हाथ में लेकर घूम रहे मांझी की नजर अब मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा ने पटना की सड़कों पर बड़े बड़े पोस्टर लगाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा ठोक दिया है।


पोस्टर में लिखा गया कि, “कर दो हर पंचायत में एलान.. बिहार का मुख्यमंत्री होगा मांझी का संतान”। हम के राष्ट्रीय सचिव रंजीत कुमार की तरफ से पटना के पॉश इलाके बेली रोड ये पोस्टर लगाए गए हैं। इस पोस्टर को लेकर सियासत शुरू हो गई है और कहा जा रहा है कि जीतन राम मांझी का पेट एक, दो या तीन रोटी से नहीं भरने वाला है।


उधर, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता नंदलाल मांझी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अगर जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर देखना चाहते हैं तो इसमें कोई गलत बात नहीं है। किसी भी दल के कार्यकर्ताओं की भावना रहती है कि दल के नेता सर्वोच्च पद पर आसीन हों और किसी राज्य का नेतृत्व करे। अगर कार्यकर्ता चाहते हैं कि जीतन राम मांझी इस राज्य के मुख्यमंत्री बनें तो फिर इसमें गलत क्या है?