DELHI: ज्ञानवापी केस में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद वाराणसी कोर्ट के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसमें कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के व्यासजी तहखाने में पूजा करने का आदेश हिंदू पक्ष को दिया था। शीर्ष अदालत ने व्यास तहखाने में पूजा अर्चना पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने हिंदू पक्ष को नोटिस जारी किया है।
दरअसल, वाराणसी के ज्ञानवापी केस में बीते 31 दिसंबर को हिंदू पक्ष को बड़ी जीत मिली थी। वाराणसी की जिला कोर्ट ने ज्ञानवापी तहखाने में पूजापाठ की इजाजत हिंदू पक्ष को दे दी थी।हिंदू पक्ष ने कोर्ट से व्यासजी के तहखाने में पूजा पाठ की इजाजत मांगी थी। 31 साल बाद ज्ञानवापी परिसर में एक फरवरी को फिर से पूजा शुरू की गई। जिला कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देते हुए मुस्लिम पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।
ज्ञानवापी मस्जिद स्थित व्यासजी तहखाने में पूजा पर रोक की मांग वाली याचिका की सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में पांच दिनों में पूरी हुई थी। हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और वाराणसी जिला अदालत के फैसले को सही करार देते हुए पूजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद मस्जिद पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल पर कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सोमवार को सुनवाई की। सुनवाई के दौरान मस्जिद पक्ष की तरफ से कहा गया कि मस्जिद परिसर में पूजा की इजाजत देना उचित नहीं है। ऐसे में कोर्ट नीचली अदालत के आदेश पर रोक लगाए। इस दौरान मुस्लिम पक्ष की तरफ से कई तरह की दलीलें कोर्ट के समक्ष रखी गईं हालांकि कोर्ट ने सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए नीचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने यथा स्थिति बनाए रखने का आदेश देते हुए मस्जिद का गुगल अर्थ इमेज कोर्ट में पेश करने को कहा है।