PATNA: गुप्तेश्वर पांडेय ने दो दिन पहले ही डीजीपी के पद से वीआरएस दिया हैं. अब जाकर खुलासा किया कि उनपर वीआरएस देने के लिए कई तरह के दबाव थे. जिसके कारण उनको वीआरएस देना पड़ा. अब सवाल उठ रहा है कि आखिर उनको किसने दबाव दिया की वह परेशान होकर वीआरएस दे दिए.
हटाने की हो रही थी कोशिश
गुप्तेश्वर पांडेय ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि मुझे अपमानित कर डीजीपी के पद से हटाने की कोशिश हो रही थी. इसको लेकर साजिश रची जा रही थी. आखिर कौन साजिश कर रहा था यह बात बताने से बचते नजर आए.
सरकार की करा रहे थे किरकिरी
गुप्तेश्वर पांडेय सुशांत केस को लेकर कई चैनलों पर तूफानी बयान दे रहे थे. किसके कारण बिहार पुलिस और सरकार की फजीहत हो रही थी. रिया की औकात वाले बयान देकर भी वह अपनी फजीहत करा चुके थे. ऐसे में कयास यह भी लगाया जा रहा है कि कही ऐसा तो नहीं कि सरकार का ही दबाव उनपर वीआरएस के लिए था. क्योंकि वर्तमान सरकार को डर था कि गुप्तेश्वर पांडेय की जिस तरह से छवि बनी है वह किसी राजनीतिक दल के समर्थक की तरह हो गई है. शिवसेना नेता संजय राउत ने उनको बीजेपी का आदमी तक बता दिया था. सरकार को भी डर था कि इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना न पड़ जाए है. यहां तक की कई जगहों पर मतदान में गड़बड़ी का आरोप भी लग सकता है. खुद गुप्तेश्वर पांडेय भी इस बात को कबूल कर रहे हैं कि 34 साल में वह कई चुनाव कराए हैं, लेकिन कभी भी गड़बड़ी का आरोप नहीं लगा है.