गोपालगंज में मामा साधु यादव को काउंटर करने के लिए तेजस्वी का प्लान, लालू यादव का इमोशनल कार्ड क्या दिखाएगा असर?

गोपालगंज में मामा साधु यादव को काउंटर करने के लिए तेजस्वी का प्लान, लालू यादव का इमोशनल कार्ड क्या दिखाएगा असर?

PATNA : बिहार की दो विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में कल यानी 3 नवंबर को मतदान होना है. चुनाव प्रचार मंगलवार की शाम थम चुका है और अब सबकी किस्मत वोटर्स तय करेंगे. इस दौरान तेजस्वी यादव ने मोकामा से लेकर गोपालगंज तक में चुनाव प्रचार किया. खास बात यह रही कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने गोपालगंज में जितनी बार चुनावी जनसभा को संबोधित किया वह लालू यादव को याद करना नहीं भूले. गोपालगंज चुनावी जनसभा में ही यादव ने इस बात की जानकारी दी कि अगले महीने लालू यादव फिर से सिंगापुर जाने वाले हैं. यहां उनका किडनी ट्रांसप्लांट होगा. इतना ही नहीं लालू यादव को लेकर तेजस्वी जिस तरह इमोशनल कार्ड खेलते नजर आए उसे सियासी जानकार अलग नजरिए से देख रहे हैं.



चुनाव प्रचार के आखिरी दिन तेजस्वी यादव ने गोपालगंज में एक बार फिर से कहा कि लालू यादव कभी भी बीजेपी के सामने नहीं झुके. लालू यादव अगर झुक जाते तो आज उन्हें इतनी परेशानी नहीं झेलना झेलनी पड़ती. दरअसल तेजस्वी यादव अपने कैडर वोट को गोलबंद रखने के लिए लालू यादव की चर्चा बार-बार करते रहे. सियासी जानकार मानते हैं कि यादव के लिए बीजेपी के साथ-साथ उनके मामा साधु यादव गोपालगंज में एक बड़ी चुनौती है. बीजेपी के पास जो वोट बैंक है वह आरजेडी के विरोधियों का वोट बैंक है, लेकिन साधु यादव उनके मामा है और बतौर उम्मीदवार उनकी मामी इंदिरा यादव के पाले में जो वोट भी आएंगे वह आरजेडी से ही कट कर निकलेंगे. ऐसे में तेजस्वी जानते हैं कि मामा साधु यादव को काउंटर करने के लिए लालू यादव सबसे मुफीद चेहरा है. लालू यादव के जरिए इमोशनल कार्ड खेलकर यादव वोट बैंक को एकजुट रखा जा सकता है. तेजस्वी इसी बात का प्रयास करते रहे. वे किसी भी हाल में नहीं चाहते कि साधु यादव उनके वोट बैंक में सेंधमारी करें.



यही वजह रही कि बार-बार गोपालगंज में लालू यादव की चर्चा तेजस्वी यादव करते रहे. उनके एमवाई समीकरण के लिहाज से गोपालगंज सीट पर लिटमस टेस्ट है. तभी ने वैश्य समुदाय से आने वाले मोहन गुप्ता को उम्मीदवार बनाया है. मकसद यह है कि एमवाई के साथ-साथ वैश्य और दूसरे तबके के मतदाताओं के साथ जीत की ओर जा सके. 2005 के बाद इस सीट पर लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है. बीजेपी के इस किले को अगर तेजस्वी ध्वस्त कर पाते हैं तो उनके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी, लेकिन उनकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा मामा साधु यादव बनकर खड़े हैं. इस चुनाव में तेजस्वी की मामी को जीतने वोट मिलेंगे वही तय करेगा कि आरजेडी के उम्मीदवार की जीत होगी या हार. ऐसे में लालू यादव बड़े ही चुनाव प्रचार से दूर रहे हो, लेकिन गोपालगंज में लालू के नाम पर चुनावी कार्ड खूब खेला गया. अब देखना होगा तेजस्वी का यह प्लान गोपालगंज में सफल रहता है या फिर मामा साधु यादव उन्हें डैमेज कर देते हैं.