गिरिराज पर भड़के अख्तरुल इमान ने कर दी राष्ट्रीय जनगणना की मांग, विजय चौधरी भी बोले..सभी धर्मों की होती है गणना

गिरिराज पर भड़के अख्तरुल इमान ने कर दी राष्ट्रीय जनगणना की मांग, विजय चौधरी भी बोले..सभी धर्मों की होती है गणना

PATNA: पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद कक्ष में जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक हो रही है। जिसमें पक्ष और विपक्ष के कई नेता शामिल हैं। ऑल पार्टी मीटिंग के ठीक पहले बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने कहा है कि हिंदू के साथ-साथ मुसलमानों की जातियों की भी गणना होनी चाहिए। गिरिराज के इस बयान का जवाब संसदीय एवं शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी एवं AIMIM के नेता अख्तरुल इमान ने दिया है। गिरिराज के बयान का जवाब देते हुए विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सभी धर्मों की गणना होती है। वही एआईएमआईएम के नेता अख्तरुल इमान ने राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना कराए जाने की मांग की है। 


बता दें कि कटिहार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भाजपा जातिगत जनगणना का विरोध नहीं करती है, बल्कि हम चाहते हैं कि सभी धर्म और जाति के लोगों की गणना हो। गिरिराज सिंह ने कहा कि आज बिहार सरकार से जो जातीय जनगणना की बात की जा रही है, मैं जातीय जनगणना के साथ खड़ा हूं, लेकिन इसमें मुसलमानों को भी जाति की श्रेणी में रखना चाहिए क्योंकि ये लोग भी फायदा उठाते हैं, मुसलमानों में भी पसमांदा की स्थिति सही नहीं है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को जातिगत जनगणना में शामिल नहीं करना चाहिए। उन्हें जातीय जनगणना से हटाना चाहिए। देश में अल्पसंख्यक पर पुनर्विचार करना जरूरी है।


वही संसदीय एवं शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी जातीय जनगणना के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए। इस दौरान विजय चौधरी ने कहा कि आज के बैठक बहुत महत्वपूर्ण है और इस बैठक में जातीय जनगणना के मसौदे पर मुहर लगेगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के उस बयान पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी है जिसमें उन्होंने मांग की है कि अल्पसंख्यकों की भी गिनती होनी चाहिए इस पर उन्होंने कहा कि सभी धर्मों की गणना होती हैं।


जबकि AIMIM विधायक अख्तरुल इमान ने कहा कि गिरिराज सिंह विवादित बयान दे रहे है। राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना करने से घबरा क्यों रहे हैं। शोषित और वंचितों का कब तक हकमारी करना चाहते है। हम चाहते है कि गिनती हो। यदि अपने कथन में सच्चे हैं तो उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर जनगणना करानी चाहिए। सच को आंच कहा। जाति सब धर्म में हैं शोषित और वंचितों की गणना भी जरूर होनी चाहिए।