RANCHI: दिल्ली से गिरिडीह पहुंचे बीजेपी उन्नाव से सांसद साक्षी महाराज को गिरिडीह प्रशासन ने 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन कर दिया. इसके बाद तो झारखंड में राजनीति शुरू हो गई है. बीजेपी ने सवाल उठाया है कि यह किस तरह का नियम है. अगर नियम है तो लालू प्रसाद से मिलने आए तेज प्रताप यादव और उनके सैकड़ों समर्थकों को प्रशासन ने क्वॉरेंटाइन क्यों नहीं किया.
गुरुमाता से मिलने आए थे महाराज
साक्षी महाराज शनिवार को अपनी गुरुमाता से मिलकर शांति भवन आश्रम से लौट रहे थे. पीरटांड़ थाना के पास पुलिस ने उनकी गाड़ी रोक ली. इसके बाद गिरिडीह एसडीएम प्रेरणा दीक्षित ने उन्हें मकतपुर स्थित शांति भवन में क्वॉरेंटाइन कर दिया. जिसके बाद विवाद शुरू हो गया है. साक्षी महाराज ने कहा कि 97 साल की गुरुमाता नरायणजी आईसीयू में हैं. उनके दर्शन के लिए शनिवार को दिल्ली से राजधानी एक्सप्रेस से सुबह 10 बजे धनबाद पहुंच. सुबह 11 बजे शांति भवन में माता के दर्शन किए और 12 बजे दिल्ली लौट रहा था. इस दौरान ही मुझे पीरटांड़ में पुलिस ने रोक दिया. मैंने बताया कि दिल्ली लौंटने का टिकट भी है. लेकिन एसडीएम कुछ सुनने को तैयार नहीं हुई. जबकि मैं झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी से अनुमति लेकर आया था.
अपराधी की तरह रोका गया
झारखंड बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि साक्षी महाराज को किसी अपराधी की तरह बैरिकेडिंग कर रोका गया और उन्हें जबरन क्वॉरेंटाइन करना सरकार की राजनीतिक बदले की भावना दर्शाती है. दीपक ने कहा कि तीन दिन पहले 60 गाड़ियों के काफिले के साथ पटना से रांची आए राजद नेता तेजप्रताप यादव को क्वॉरेंटाइन क्यों नहीं किया गया.