PATNA: घर से लेकर पार्टी में लग गयी आग को बुझाने आज राबड़ी देवी पटना पहुंच गयीं. पटना एयरपोर्ट पर उतरते ही वे सीधे अपने बड़े बेटे तेजप्रताप यादव के घऱ पहुंच गयीं. तेजप्रताप को मां के पहुंचने की जानकारी थी लेकिन वे घर से गायब थे. राबडी देवी से मीडिया ने पूछा कि क्या विवाद सुलझ जायेगा. राबड़ी देवी बिना कोई साफ जवाब दिये निकल गयीं. राबडी देवी परिवार में लगी आग को बुझाने पहुंची हैं लेकिन इसके आसार कम ही दिख रहे हैं.
अचानक से पटना पहुंची राबड़ी देवी
राबडी देवी लंबे अर्से से दिल्ली में रह रही हैं. जेल से रिहा होने के बाद लालू यादव तबीयत ठीक नहीं होने के कारण दिल्ली में अपनी बेटी मीसा भारती के आवास पर रह रहे हैं. राबडी देवी भी वहीं रह रहीं थीं. आज अचानक से वे पटना पहुंच गयीं. उनके साथ राजद के एमएलसी सुनील सिंह भी थे. एयरपोर्ट से राबड़ी देवी डायरेक्ट तेजप्रताप यादव के घर पहुंच गयीं. हम आपको बता दें कि तेजप्रताप यादव अपने परिवार से अलग स्ट्रैंड रोड के बंगले में रहते हैं. राबड़ी देवी अपने बेटे के घर पहुंची तो तेजप्रताप यादव अपने घर पर मौजूद ही नहीं थे.
सूत्र बता रहे हैं कि तेजप्रताप यादव को राबड़ी देवी के पटना पहुंचने की जानकारी थी. लेकिन वे ऐन वक्त पर अपने घऱ से गायब हो गये. लिहाजा राबडी देवी को अपने बेटे के घर से बैरंग वापस लौटना पड़ा. राबड़ी देवी तेजप्रताप यादव के घर पर कुछ देर रहकर वापस अपने आवास लौट गयीं. हम आपको ये भी बता दें कि राबडी देवी के आवास में ही तेजस्वी यादव भी रहते हैं.
घर में कोई लड़ाई नहीं
तेजप्रताप के घर जाने से पहले पटना एयरपोर्ट पर राबड़ी देवी को मीडियाकर्मियों ने रोका. उनसे पूछा कि क्या उनके घऱ में जो लड़ाई है वह शांत हो जायेगी. राबडी देवी ने कहा कि लड़ाई तो बीजेपी औऱ जेडीयू में है. उनके घऱ में कोई लडाई नहीं है. राबड़ी देवी ने परिवार में छिड़े जंग को लेकर कुछ और नहीं बोला. उन्होंने दावा किया कि बिहार में जिन दो सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उन दोनों सीटों पर राजद की जीत होगी.
क्या राबड़ी बुझा पायेंगी आग
हम आपको बता दें कि लालू यादव 20 अक्टूबर को दिल्ली से पटना पहुंचने वाले हैं. राबड़ी देवी का उनके साथ ही आने का प्लान था. लेकिन परिवार में जंग जिस हालत में पहुंच गयी है उसमें राबडी देवी को 10 दिन पहले ही पटना पहुंचना पड़ा. राबड़ी देवी फायर ब्रिगेड बनकर पटना आयी हैं लेकिन जो आग भड़की है उसे अब बुझा पाना राबड़ी देवी के वश की बात नहीं लग रही है. इसकी पहली झलक भी आज मिल गयी जब वे तेजप्रताप यादव के घर पहुंचे वे अपने घर से ही गायब थे.
आर-पार की लडाई के मूड में तेजप्रताप
राजद के जानकार बता रहे हैं कि तेजप्रताप यादव आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं. उनके सारे फैसले इस बात की गवाही दे रहे हैं. बिहार में विधानसभा की दो सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. ये उपचुनाव आने वाले दिनों बिहार की सियासत तय करने वाला है. लेकिन उपचुनाव से ठीक पहले तेजप्रताप ने बयान दे दिया कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव को दिल्ली में बंधक बना कर रखा गया है. उन्होंने अपने भाई तेजस्वी का नाम लिये बगैर ये कह दिया कि वे राजद का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का सपना देख रहे हैं जिसे वे पूरा नहीं होने देंगे.
तेजप्रताप किस तरह तेजस्वी को हराने के लिए बेताब है इसके कई वाकये सामने आ रहे हैं. तेजप्रताप यादव ने अपने संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के नेता संजय यादव को तारापुर विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करा दिया. संजय यादव ने नामांकन के बाद दावा किया कि वे तेजप्रताप के प्रत्याशी हैं और उनका प्रचार करने लालू-राबड़ी के बडे बेटे क्षेत्र में आय़ेंगे. तेजप्रताप का मकसद साफ था-वे यादव उम्मीदवार खड़ा कर राजद के वोट बैंक में सेंधमारी करना चाह रहे थे इससे जेडीयू के उम्मीदवार की जीत तय हो जाती. ये दीगर बात है कि उनकी चाल उल्टी पड़ी औऱ संजय यादव ने नामांकन के अगले ही दिन तेजस्वी से मिल कर चुनाव मैदान से हटने का एलान कर दिया.
तेजस्वी को डैमेज करना चाहते हैं तेजप्रताप
तारापुर क्षेत्र से तेजप्रताप के उम्मीदवार संजय यादव को तेजस्वी के पास पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने वाले एक राजद नेता ने बताया कि संजय यादव ने सारी बातें बतायी है. संजय यादव ने तेजस्वी को जानकारी दी कि किसके कहने पर और किस रणनीति के तहत वे तारापुर से चुनाव लडने गये थे. दिलचस्प बात तो ये रही कि जब संजय यादव ने पलटी मार दी तो तेजप्रताप ने ट्वीट कर तेजस्वी के सलाहकार पर सी ग्रेड की कहानी रचने का आऱोप लगा दिया. तेजप्रताप ने कहा कि उनकी कोई भूमिका इसमें नहीं थी.
बात सिर्फ तारापुर की ही नहीं है. कुशेश्वरस्थान विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव हो रहा है. इस सीट पर कांग्रेस की दावेदारी थी लेकिन राजद ने कांग्रेस के लिए सीट न छोड़ कर अपना उम्मीदवार खड़ा कर दिया. कांग्रेसी नेता राजद औऱ तेजस्वी के खिलाफ ताबड़तोड़ बयानबाजी कर रहे हैं. लेकिन इस बीच तेजप्रताप यादव ने अलग प्लान बना लिया. कांग्रेस नेता अशोक राम ने बताया कि तेजप्रताप यादव ने वादा किया है कि वे कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करने कुशेश्वरस्थान जायेंगे.
आग बुझने के आसार कम
तल्खी औऱ विवाद के इस माहौल में राबडी देवी पटना पहुंची हैं. लेकिन तेजप्रताप औऱ तेजस्वी के बीच छिड़े जंग के थमने के आसार बेहद कम नजर आ रहे हैं. सूत्र बता रहे हैं कि तेजप्रताप यादव अब कह रहे हैं कि वे परिवार के बडे बेटे हैं इसलिए उन्हें पार्टी में बड़ा अधिकार चाहिये. वे उससे कम पर मानने को तैयार नहीं हैं.
लेकिन पार्टी में शायद ही कोई ऐसा नेता है जो तेजप्रताप के नेतृत्व में काम करने को तैयार है. उधर तेजस्वी यादव भले ही मीडिया के सामने कुछ नहीं बोल रहे हों, लेकिन तेजप्रताप ने जितना डैमेज किया है उसका दर्द उन्हें जरूर महसूस हो रहा है. लिहाजा तेजस्वी किसी सूरत में अब तेजप्रताप के साथ काम करने को तैयार नहीं हैं.
ऐसे में ये कह मुश्किल है कि राबडी देवी के पटना आने से परिवार में छिडी जंग शांत पड़ जायेगी. सारे घटनाक्रम यही बता रहे हैं कि परिवार में छिड़ा घमासान और तेज होगा. राबडी देवी या दस दिन बाद पटना पहुंच रहे लालू यादव उसे शांत कर पायेंगे इस पर सियासी जानकारों को शक है.