गायघाट रिमांड होम कांड : हाईकोर्ट की फटकार के बाद पहली पीड़िता का केस दर्ज, अधीक्षक की मुश्किलें बढ़ीं

गायघाट रिमांड होम कांड : हाईकोर्ट की फटकार के बाद पहली पीड़िता का केस दर्ज, अधीक्षक की मुश्किलें बढ़ीं

PATNA : पटना के गायघाट रिमांड होम की अधीक्षक वंदना गुप्ता की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. हाईकोर्ट की फटकार के बाद गायघाट रिमांड होम से निकली पहली पीड़िता के बयान पर भी एफआईआर दर्ज कर ली गई है. आपको बता दें कि 2 दिन पहले रिमांड होम से निकली एक दूसरी पीड़िता के बयान पर एफआईआर दर्ज की गई थी लेकिन 10 दिन पहले जिस पीड़िता ने पहली बार वंदना गुप्ता के ऊपर गंभीर आरोप लगाए उसके बयान पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की थी. बाद में हाईकोर्ट में इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया और हाईकोर्ट की फटकार के बाद अब पटना पुलिस ने पीड़िता के बयान पर भी एफआईआर दर्ज कर ली है.


10 दिन पहले पहली बार जब एक पीड़िता गायघाट रिमांड होम में गलत काम कराने को लेकर अधीक्षक वंदना गुप्ता के बारे में शिकायत करने पहुंची थी तो पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की थी. बाद में समाज कल्याण विभाग में पीड़िता के आरोपों को खारिज करते हुए अधीक्षक वंदना गुप्ता को क्लीन चिट दे दी थी. गुरुवार को इस मामले में एक नया मोड़ आया और पहली पीड़िता के बयान पर महिला थाने में केस दर्ज कर लिया गया. 24 घंटे के अंदर वंदना गुप्ता के ऊपर पटना के महिला थाने में दूसरा केस दर्ज हुआ है. समाज कल्याण विभाग ने 4 फरवरी को पहली पीड़िता के साथ 4 घंटे तक बातचीत की थी. उसका बयान लिया गया था लेकिन पुलिस में कंप्लेन दर्ज नहीं की थी.


पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता प्रभात भारद्वाज के मुताबिक वंदना गुप्ता के खिलाफ जिन धाराओं में केस दर्ज किया गया है वह बेहद गंभीर हैं और उनमें जमानत मिलना भी मुश्किल है. अगर आरोप सही साबित हुए तो वंदना गुप्ता को 7 साल तक की सजा हो सकती है. वंदना गुप्ता के ऊपर कुछ अलग अलग धाराएं लगाई गई हैं. इनमें से पांच गैर जमानती हैं. सबसे गंभीर आरोप अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत लगा है. पहली पीड़िता के बयान पर जो कंप्लेन दर्ज की गई है उसमें सेक्शन 376, 341, 318, 334 और 120 बी के तहत केस रजिस्टर्ड किया गया है,