गायघाट महिला रिमांड होम: काम्या मिश्रा की टीम ने 1 पीड़िता का बयान दर्ज किया, अब मजिस्ट्रेट के सामने होगी पेशी

गायघाट महिला रिमांड होम: काम्या मिश्रा की टीम ने 1 पीड़िता का बयान दर्ज किया, अब मजिस्ट्रेट के सामने होगी पेशी

PATNA : हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पटना के गायघाट महिला रिमांड होम मामले की जांच एसआईटी ने शुरू कर दी है. शुक्रवार को इन्वेस्टिंग आफिसर आईपीएस काम्या मिश्रा ने बिहार बार काउंसिल के चेंबर नंबर 36 में बंद कमरे में तीन घंटे तक चली पूछताछ के आधार पर पहली पीड़िता का बयान दर्ज किया. 


पीड़िता का बयान दर्ज करने के पहले शुक्रवार को ही एसआईटी की टीम ने गायघाट महिला रिमांड होम पहुंच कर जांच पड़ताल की. इस दौरान वहां रह रहीं कई लड़कियों से सुपरिटेंडेंट वंदना गुप्ता पर लगे आरोपों को लेकर पूछताछ की गई. एसआईटी की टीम के द्वारा काफी वक्त तक शेल्टर होम में सघन जांच पड़ताल की गई. 


पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मानवजीत सिंह ढिल्लों के द्वारा 16 फरवरी को गठित की गई एसआईटी की टीम का शुक्रवार को जांच का पहला दिन था. पटना पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 161 के तहत इस पीड़िता का बयान लिया है. इसके आगे अब पीड़िता को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा. वहीं, इस दौरान पीड़िता की वकील और महिला विकास मंच की राष्ट्रीय अध्यक्ष अरुणिमा सहित केस से जुड़े तमाम लोग बाहर इंतजार करते रहे.


बता दें कि गायघाट स्थित महिला रिमांड होम तब सुर्खियों में आ गया था जब यहां की दो युवतियों ने रिमांड होम की अधीक्षिका वंदना गुप्ता पर कई गंभीर आरोप लगाए थे. बीते 29 जनवरी को सबसे पहले एक पीड़िता ने बहुत गंभीर आरोप लगाए थे. तब पटना पुलिस ने उसके लगाए आरोपों को नकार दिया था, कोई एफआईआर (FIR) दर्ज नहीं की थी. इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान (सुओ मोटो) लेते हुए प्रदेश सरकार और पुलिस को कड़ी फटकार लगाई थी. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया था कि पटना पुलिस पूरे मामले की जांच डीएसपी लेवल के अधिकारी से करवाए.