GAYA : खनन माफियाओं का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. गया में 130 फीट ऊंचा पहाड़ के जगह पर खनन करते-करते माफियाओं ने 500 फीट गहरा खाई बना दिया है. फिर भी खनन जारी है. इसको लेकर ग्रामीण जगदीश प्रसाद आर्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए खनन विभाग व भूतत्व विभाग को जांच का आदेश दिया है.दूसरी हैरान करने वाली बात यह है कि कोर्ट के आदेश के 5 माह के बाद भी अधिकारियों ने जांच रिपोर्ट अब तक कोर्ट को नहीं दी है.
12 के जगह पर कर दिया 150 एकड़ की खुदाई
राज्य सरकार ने केवल 12 एकड़ जमीन से पत्थर निकालने के लिए अनुमति दी थी. खनन माफ़ियाओं ने 150 एकड़ भूमि से पत्थर निकालना शुरू कर दिया. कभी दिन तो कभी रात में माइंस में प्रतिदिन 5 से 6 धमाके होते है. स्थिति यह हो गई है कि यहां पर पहाड़ से 500 फीट गहरी खाई बन गयी है. गांव के ही बुजुर्ग जगदीश आर्य जब इससे परेशान हुए तो डीएम, आयुक्त, मुख्यमंत्री को शिकायत का पत्र लिखते लिखते थक चुके. लेकिन परिणाम कुछ नहीं हुआ तो पटना हाईकोर्ट में लोकहित याचिका दायर की थी.
एक माह में देना था जवाब
कोर्ट ने खनन व भूतत्व विभाग के उपनिदेशक को 1 महीने के अंदर वास्तुस्थिति से अवगत कराने का निर्देश जुलाई में दिया था. उसके बाद खनन विभाग के कुछ लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज की. लेकिन न ही यहां ब्लास्टिंग रुका और न ही खनन कार्य. जगदीश प्रसाद आर्य बताया कि इसके बाद सुप्रीम कोर्ट जायेंगे. लापरवाही का आलम ये है कि जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट के आदेश के 5 माह के बाद भी जांच रिपोर्ट अब तक नहीं दिया है.
विभाग ने कहा- वैध है खनन
इस संबंध में खनन व भूतत्व विभाग के उपनिदेशक घनश्याम झा ने बताया कि यह खनन कार्य वैध है. प्रतिवर्ष सिर्फ गया जिला से 52 करोड़ रुपये राजस्व आता है। बताया कि बन्दोबस्ती का अंतिम साल है. पिछले 25 सालों से खनन कार्य हो रहा है तो गड्ढा होगा ही. बताया कि टेक्निकल टीम स्थल का निरीक्षण करती है उसके बाद ही पहाड़ों का बन्दोबस्ती की जाती है. बता दें कि पहाड़ के इस खनन कार्य से प्रतिवर्ष 52 करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति होती है और इस कार्य में कई सफेदपोश भी लगे है.