गया में आज होगा पितृपक्ष मेले का शुभारंभ,उपराष्ट्रपति भी होंगे शामिल; जानिए तर्पण की तिथियां और विधि

गया में आज होगा पितृपक्ष मेले का शुभारंभ,उपराष्ट्रपति भी होंगे शामिल; जानिए तर्पण की तिथियां और विधि

GAYA : बिहार के गया में आज पितृपक्ष मेले का शुभारंभ होगा। इसको लेकर मुख्य कार्यक्रम स्थल विष्णुपद मंदिर को बनाया गया है, जहां शाम चार बजे मेले का शुभारंभ किया जायेगा। इस कार्यक्रम में मंत्री आलोक मेहता, सुरेंद्र यादव व कुमार सर्वजीत शामिल होंगे। इस साल 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक पितृपक्ष मेला (महालया पक्ष) चलेगा। माना जाता है कि पितृपक्ष में पितर स्वयं गयाजी चले आते हैं। पुत्र के आने के पूर्व ही पितर गयाजी तीर्थ आकर इंतजार करते हैं। पितृ पक्ष में श्राद्ध और तर्पण करने से पितर प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद देते हैं। जिससे तमाम बाधाएं दूर होती है और जीवन की सभी समस्याों से मुक्ति मिलती है। 


मिली जानकारी के अनुसार, इस वर्ष 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक पितृपक्ष मेला चलेगा। इस अवधि में पहला दिन यानी 28 सितंबर को पुनपुन तट पर श्राद्ध और पितृपक्ष मेले का उद्घाटन होगा। दूसरे दिन यानी 29 सितंबर को फल्गु नदी के तट पर खीर के पिंड से श्राद्ध किया जाएगा। तीसरे दिन यानी 30 सितंबर को प्रेतशिला, रामकुंड रामशिला ब्रह्मकुंड काकबली पर श्रद्धा करना चाहिए। चौथा दिन यानी 1 अक्टूबर को उत्तर मानस, उदीची, कनखल, दक्षिण मानस, जिहवा लोल वेदी पर पिंडदान करना चाहिए। 


वहीं, देश के उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ शुक्रवार को विष्णुपद मंदिर परिसर में पिंडदान करेंगे।  इसके बाद वह नालंदा जायेंगे व ओर भ्रमण के बाद शाम को वापस गया एयरपोर्ट के रास्ते दिल्ली लौट जायेंगे। उप राष्ट्रपति के लिए बुधवार को ही गया एयरपोर्ट पर वायुसेना का हेलीकॉप्टर पहुंच चुका है व अब शुक्रवार को उपराष्ट्रपति का स्पेशल एयरक्राफ्ट सुबह साढ़े नौ बजे गया एयरपोर्ट पहुंच जायेगा। इसके बाद सड़क मार्ग से उपराष्ट्रपति एयरपोर्ट से विष्णुपद मंदिर पहुंचेंगे और पिंडदान के बाद वह वापस एयरपोर्ट लौट जायेंगे। इसके बाद यहां से वायुसेना के हेलीकॉप्टर से नालंदा जायेंगे और दोपहर बाद नालंदा से गया एयरपोर्ट लौट आयेंग। इसके बाद शाम को स्पेशल एयरक्राफ्ट से ही दिल्ली के प्रस्थान कर जायेंगे। 


आपको बताते चलें कि, 28 सितंबर से लेकर 14 अक्तूबर तक मेले का आयोजन किया गया है, इस दौरान विभिन्न वेदियों पर तीर्थयात्री पिंडदान करेंगे और पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। अनुमान लगाया गया है कि इस बार 15 लाख लोग मेले में आयेंगे। इसको लेकर प्रशासन को लेकर आवासन के लिए टेंट सिटी आदि का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही मेला क्षेत्र में सफाई व लाइटिंग को लेकर भी पुख्ता व्यवस्था करने की पहल की जा रही है।