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DESK: दुनियां का सबसे वफादार जानवर कुत्ता को माना गया है। यह बात आज सच भी साबित हुई है। गया के शेरघाटी के राम मंदिर मुक्तिधाम में एक मामला सामने आया है। जहां एक कुत्ता पिछले चार दिनों से भूखा-प्यासा अपनी मालकिन की अंत्येष्ठि वाली जगह पर बैठा रहा। यह वफादार कुत्ता अपनी मालकिन की मौत से इतना दुखी था कि अंत्येष्टि वाली जगह से हटना ही नहीं चाह रहा था। यहां तक कि कुछ लोग उसे हटाने गए तो उन पर गुस्से में भौंकने लगा। शायद उसे यह लग रहा हो कि उनकी मालकिन लौट कर आएंगी। कुत्ते की हालत को देखकर इलाके के लोग भी चिंतित थे। वह चार दिनों से भूखा-प्यासा श्मशान घाट पर बैठा रहा। ऐसे में कही उसकी जान ना चली जाए। लोगों ने कुत्ते को वहां से लाने की कोशिश भी की लेकिन वह श्मशान घाट से तस से मस नहीं हुआ। इसके बाद लोग वापस घर लौट गए।
बताया जाता है कि एक मई को शहर के सत्संग नगर के भगवान ठठेरा की पत्नी की मौत हो गई थी। इसके बाद मृतका का राममंदिर घाट पर मोरहर नदी में अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में परिजनों के साथ उनका कुत्ता भी आया था। अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद सब लोग वापस लौट गए, लेकिन उनका कुत्ता वहीं बैठ गया जो पिछले चार दिनों तक भूखा प्यासा बैठा रहा। शुरू में लोगों को कुछ समझ में नहीं आया लेकिन जब एक कुत्ता को लगातार अंत्येष्टि वाली जगह पर बैठा रहा वह लौट कर नहीं आया तब लोगों ने उसकी खोज खबर ली। तब सभी को कुत्ता की कहानी समझ में आई। यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
बताया जाता है कि मृतका काफी दिनों से इस कुत्ते को अपने घर में रखी हुई थी। जिसका वो खुब ख्याल रखती थी। उसे खाना खिलाने के बाद ही वह खुद खाना खाती थी। जब कभी उनका डॉगी कही चला जाता था और घर लौटने में देरी करता था वो काफी चिंतिंत हो जाती थी। उसे ढूंढने के लिए वह कई इलाकों में निकल पड़ती थी। अपने बेटे की तरह वह उसे प्यार देते थी। यही कारण है कि अपनी मालकिन के प्रति वह भी काफी वफादार था। वह हमेशा उनके आस-पास ही रहता था। लेकिन जब उनकी मौत हो गयी तब वह अपनी मालकिन को खोजने लगा। यही कारण है कि वह कई दिनों तक श्मशान घाट पर अपनी मालिकन के लौटने का इंतजार करता रहा।