GAYA: गया के कोंच के BDO राजीव रंजन की खुदकुशी के मामले में नया मोड़ आता दिख रहा है. राजीव रंजन के सहकर्मियों ने उनकी आत्महत्या के लिए गया के DM और DDC को जिम्मेवार करार दिया है. गया जिले के तमाम BDO, CO और दूसरे अधिकारियों ने राजीव रंजन के सुसाईड नोट को सार्वजनिक करने की मांग करते हुए कहा है कि मामले की न्यायिक जांच हो तो हकीकत सामने आ जायेगी. गया के प्रखंडों में तैनात तमाम अधिकारियों ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर डीएम और डीडीसी के कारनामों की जांच कराने की मांग की है.
पुलिस आत्महत्या के कारणों को बदलने में लगी है
कोंच के बीडीओ राजीव रंजन की मौत के बाद जिले के तमाम BDO, CO, प्रोग्राम ऑफिसर और प्रखंड समंन्वयकों ने जिलाधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इन तमाम अधिकारियों ने कल काम नहीं किया. उनका आरोप है कि राजीव रंजन की मौत के कारणों को पुलिस दूसरा रंग देने में लगी है. राजीव रंजन ने पारिवारिक कारणों से नहीं बल्कि गया के डीएम और डीडीसी के जुल्म से तंग आकर सुसाईड किया है. राजीव रंजन का सुसाईड नोट अगर सार्वजनिक कर दिया जाये और मामले की न्यायिक जांच तो गया के जिलाधिकारी और डीडीसी के कारनामों की कलई खुल जायेगी. प्रखंडों में तैनात अधिकारियों का कहना है कि BDO, CO समेत दूसरे छोटे अधिकारी लगातार डीएम और डीडीसी के जुल्म का शिकार हो रहे हैं. छोटे अफसरों के साथ गाली गलौज की जा रही है, उनका वेतन रोका जा रहा है और उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही है. इसी तनाव में राजीव रंजन जैसे कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी को सुसाईड करना पड़ रहा है.
हड़ताल पर जाने की चेतावनी
गया के प्रखंडो में तैनात अधिकारियों ने अपनी मांगों का पत्र सूबे के मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजा है. पत्र में राजीव रंजन की मौत की न्यायिक जांच समेत दूसरी मांग रखी गयी है. अधिकारी पूछ रहे हैं कि क्या कारण है कि पोस्टिंग के तुरंत बाद राजीव रंजन का वेतन बंद कर दिया गया था और उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की जा रही थी. कोंच में पोस्टिंग से पहले राजीव रंजन भागलपुर के नवगछिया में पदस्थापित थे. वहां सरकार ने ही उनके काम के लिए पुरस्कृत किया था.लेकिन गया में पोस्टिंग के बाद से ही उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था. अधिकारियों ने कहा है कि ऐसे तमाम मामलों की जांच नहीं होती है तो सारे पदाधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे.