GAYA : महज 13 दिनो के भीतर तीसरी बार पीएम नरेंद्र मोदी बिहार पहुंचे हैं। गया में जीतनराम मांझी के समर्थन में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह चुनाव विकसित भारत, विकसित बिहार के संकल्प का चुनाव है। चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मुझे आज पांच रैलियां करनी है, इसलिए सारे प्रोटोकॉल को छोड़कर गया पहुंच गया हूँ। पीएम मोदी ने मगही भाषा में गया की धरती को नमन करने के साथ ही अपने भाषण की शुरुआत की।
पीएम मोदी ने कहा कि गया वह धरती है, जिसने मगध के एश्वर्य को देखा है और जो बिहार के वैभव का गवाह रहा है। आज जब मैं गया जी आया हूं तो नवरात्र भी है और आज ही सम्राट अशोक की जयंती भी है। सदियों बाद आज एक बार फिर भारत और बिहार अपने प्राचीन गौरव को वापस पाने के लिए आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह चुनाव विकसित भारत-विकसित बिहार के संकल्प का चुनाव है। गया की धरती पर उमड़ा यह जनसैलाब, यह अपार जनसमर्थन साफ बता रहा है कि फिर एक बार मोदी सरकार।
चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने सभा में मौजूद लोगों से ‘चार जून 400 पार’ के नारे भी लगवाए। कहा कि गया के लोगों का प्यार और आशीर्वाद कभी भी नहीं भूल सकता हूं। गया और औरंगाबाद ने आज घोषणा कर दी है, जो तमिलनाडु कह रहा है, कर्नाटक कह रहा है, तो वहु बात आज गया और औरंगाबाद में सुन रहा हूं। बीजेपी ने दो दिन पहले अपना संकल्प पत्र जारी किया है। ऐसा पहली बार है, जब किसी पार्टी के संकल्प पत्र को गारंटी कार्ड बोला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सभी लोगों ने देखा है कि मोदी की गारंटी यानी गारंटी पूरी होने की गारंटी है। मोदी गरीब घर से निकलकर आपके आशीर्वाद से यहां तक पहुंचा है। आपका प्यार मेरे सिर आंखो पर है। आपका यह प्यार जीवन भर मेरे कानों में गुंजता रहेगा। उन्होंने रैली में मोदी-मोदी के नारे लगा रहे लोगों से कहा कि यह ऊर्जा बचाकर रखिए, चार जून को इसकी जरुरत पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि आपने मुझे सेवा करने का अवसर दिया है। मोदी को देश के संविधान ने यह पद दिया है। डॉ. राजेन्द्र प्रसाद और बाबा साहेब अंबेडकर का दिया हुआ यह संविधान अगर नहीं होता तो पिछड़े परिवार में पैदा हुआ गरीब का बेटा कभी देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता था। हमारा देश विविधताओं से भरा है। अनेक भाषा, अनेक बोलियां और अनेक रिति रिवाज, अनेक प्रकार के पहनावे और अनेक प्रकार की जीवन शैली, अलग-अलग खानपान हमारे देश की पहचान है।