Bihar Crime News: प्यार में रोड़ा बन रहे पति को पत्नी ने दी मौत की सजा, प्रेमी के साथ मिलकर हत्या कर छत से टांग दिया Bihar Crime News: प्यार में रोड़ा बन रहे पति को पत्नी ने दी मौत की सजा, प्रेमी के साथ मिलकर हत्या कर छत से टांग दिया Success Story: बिना हाथों के लिख दी किस्मत, पैरों से दी बोर्ड की परीक्षा; दिव्यांगता के बावजूद रचा इतिहास Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां हुईं तेज, EVM की जांच पूरी, 4 लाख से अधिक मशीनें तैयार Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां हुईं तेज, EVM की जांच पूरी, 4 लाख से अधिक मशीनें तैयार Bihar News: CM नीतीश ने करीबी मंत्री विजय चौधरी का हाथ खींच कर जबरन हटाया, फिर दूसरे मंत्री को बुलाया, यह देख दोनों डिप्टी सीएम समेत सारे लोग हतप्रभ Bihar News: राज्य के इन प्रमुख सड़कों के निर्माण और चौड़ीकरण को मिली मंजूरी, आसान होगा नेपाल तक का सफर Life Style: याद्दाश्त तेज करने के लिए हर दिन खाएं ये चीज, दिमाग के लिए है सुपरफुड Bihar News: बिहार में डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत पर हंगामा, अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप Bihar News: बिहार में डिलीवरी के दौरान नवजात की मौत पर हंगामा, अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
1st Bihar Published by: Updated Sat, 28 Aug 2021 04:29:58 PM IST
- फ़ोटो
DESK : यूपी के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगुतल्लाह अंसारी और उनके बेटे मन्नू अंसारी ने आज दल बल के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. सिबगुतल्लाह अंसारी गाजीपुर जिले की मुहम्मदाबाद सीट से दो बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं.
सिबगतुल्लाह अंसारी बड़ी संख्या में अपने समर्थकों को लेकर यूपी की राजधानी लखनउ पहुंचे थंे. यहां पर उन्होंने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव के समक्ष समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. वहीं इस दौरान बलिया जिले के कद्दावर नेताओं में शुमार पूर्व मंत्री अंबिका चैधरी ने भी बसपा को छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया.
मालूम हो कि अंसारी परिवार पहले भी समाजवादी पार्टी में ही था लेकिन बीच के दिनों में रिश्तों में खटास आई तो समाजवादी पार्टी से नाता टूट गया. सिबगुतल्लाह अंसारी 2007 और 2012 में गाजीपुर जनपद की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक रह चुके हैं, हालांकि 2017 में उन्हें भाजपा की अलका राय ने पराजित होना पड़ा था.
बता दें कि अतीत में मुख्तार अंसारी ने कौमी एकता दल के नाम से अपनी पार्टी भी बनाई थी. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय समाजवादी पार्टी में कर दिया था. उस दौर में अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी की छवि सुधारने के उद्देश्य से इस विलय का विरोध कर दिया था, जिसकी वजह से पूरे अंसारी परिवार को समाजवादी पार्टी से बाहर होना पड़ा था.
वो दौर अंसारी परिवार के लिए बेहद मुश्किलों भरा था. मायावती ने इस दौर में अंसारी परिवार को गले लगाया. मउ की सदर सीट से मुख्तार अंसारी को बसपा का टिकट मिल गया. मुख्तार के बेटे अब्बास को घोसी सीट से बसपा का उम्मीदवार बनाया गया जबकि मोहम्मदाबाद सीट से सिबगतुल्लाह अंसारी को टिकट मिला. मुख्तार को छोड़कर परिवार के सभी सदस्य चुनाव हार गए.
वहीं 2019के लोकसभा चुनाव में भाजपा की आंधी में भी बसपा उम्मीदवार के तौर पर मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से लड़े और भाजपा के दिग्गज नेता मनोज सिन्हा को हरा कर जीत दर्ज की.