PATNA : गंगा नदी में शवों के मिलने के मामले में नदी से सटे बिहार के सभी जिलों को अलर्ट कर दिया गया है। शवों को गंगा में न फेंका जाए इसके लिए पुलिस-प्रशासन को चौकस रहने के निर्देश दिए गए हैं। बावजूद यदि कोई शव नदी में बहता मिलता है तो उसे पानी से बाहर निकाला जाएगा और पहचान की कोशिश की जाएगी। इसके बाद नियमानुसार शवों को जलाया या दफनाया जाएगा।
गंगा में खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमा पर बड़ी संख्या में शव मिलने के मामले सामने आ रहे हैं। चूंकि गंगा नदी बिहार में उत्तर प्रदेश के रास्ते प्रवेश करती है, लिहाजा बिहार के मुख्य सचिव त्रिपुरारि शरण, अपर मुख्य सचिव गृह चैतन्य प्रसाद और डीजीपी एसके सिंघल ने वहां के अपने समकक्ष अधिकारियों से भी इस मामले में बात की है। दोनों राज्यों की सीमा के करीब पड़ने वाले जिलों में निगरानी की व्यवस्था सख्त करने पर भी बात हुई, ताकि शव गंगा नदी में न फेंके जाएं।
इतना ही नहीं गंगा नदी में बड़ी संख्या में लावारिस शव मिलने के बाद राज्य सरकार एक्शन में है। गृह विभाग ने शवों की अंत्येष्टि को लेकर शनिवार को दिशा-निर्देश जारी किया। सभी जिलों के डीएम-एसपी को कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। सरकार की तरफ से जारी दिशा-निर्देशों के तहत शवदाह स्थलों और अन्य किसी स्थान पर शवों को बिना जला, अधजला या बिना दफनाया हुआ नहीं छोड़ा जाएगा। लावारिस शव मिलने पर नियम के तहत सम्मानपूर्वक अंत्येष्टि की जाएगी। शवों के अंतिम संस्कार के लिए सरकार द्वारा दी जा रही कर सहायता जिसमें कोरोना मरीज के शव या लावारिस शव का बिना शुल्क अंत्येष्टि, बीपीएल को मिलनेवाला कबीर अंत्येष्टि अनुदान लाभुकों को दिलाना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।