राष्ट्रीय सुरक्षा में चूक: पाकिस्तानी महिला से शादी छुपाने पर CRPF जवान बर्खास्त SAHARSA: बाइक की डिक्की से उच्चकों ने उड़ाए 5 लाख रुपये, CCTV में कैद हुई तस्वीर Bihar Education News: शिक्षा विभाग के इस महिला अधिकारी को मिला दंड, इस जुर्म में मिली सजा, जानें... Bihar News: न्यायमित्र के 2,436 पदों पर नियोजन की प्रक्रिया अंतिम चरण में, जल्द जारी होगी अंतिम मेधा सूची Bihar News: न्यायमित्र के 2,436 पदों पर नियोजन की प्रक्रिया अंतिम चरण में, जल्द जारी होगी अंतिम मेधा सूची Patna Crime News: पटना का कुख्यात उदय सम्राट रांची से अरेस्ट, जिले के Top10 अपराधियों में है शुमार Patna Crime News: पटना का कुख्यात उदय सम्राट रांची से अरेस्ट, जिले के Top10 अपराधियों में है शुमार Bihar News: सड़क किनारे गड्ढे में पलटा तेज रफ्तार ट्रैक्टर, हादसे में ड्राइवर की मौत; एक घायल CBSE 10th, 12th Result on DigiLocker: जल्द जारी होंगे CBSE 10वीं और 12वीं के नतीजे, DigiLocker से ऐसे रिजल्ट करें डाउनलोड CBSE 10th, 12th Result on DigiLocker: जल्द जारी होंगे CBSE 10वीं और 12वीं के नतीजे, DigiLocker से ऐसे रिजल्ट करें डाउनलोड
1st Bihar Published by: Updated Wed, 19 May 2021 07:55:42 AM IST
- फ़ोटो
SAMASTIPUR : इंसान और जानवरों के बीच के अनोखे रिश्ते की कहानियां हमने सुनी हैं. ऐसी ही एक सच्ची घटना बिहार के समस्तीपुर जिले में देखने को मिली जहां पालतू कुत्ते की मौत के बाद उसके मालिक ने फूल-माला और गाजे-बाजे के साथ उसकी अंतिम यात्रा निकाली. इस शवयात्रा में मौजूद सभी लोगों की आंखें नाम थीं. कुत्ते के मालिक ने कहा कि जब उसने उसे सोनपुर मेले से ख़रीदा था, उसके बाद से ही उसकी घर की हालत बदल गई. वह उसके लिए काफी लकी था.
घटना समस्तीपुर जिले के विद्यापतिनगर प्रखंड की शेरपुर पंचायत की है. नरेश साह ने अपने कुत्ते की मौत होने के बाद हिंदू रीति-रिवाज से उसे अंतिम विदाई दी. बैंड-बाजे की धुन के बीच टॉनी की शवयात्रा में चलते लोगों की आंखें नम थीं. नरेश ने बताया कि टॉनी मेरे लिए सिर्फ कुत्ता नहीं, बल्कि हमारे घर-टोला का रक्षक भी था. वह हम सभी की जिंदगी का हिस्सा था. नरेश ने अपने कुत्ते की शवयात्रा के लिए सारे इंतजाम किए. एक ठेले पर उसका शव रखा. फूल-माला और कफन से कुत्ते के शव को लपेट कर रखा. साउंड सिस्टम भी ठेले पर ही लगाया. जहां-जहां से ये शवयात्रा निकली, लोग जुड़ते चले गए.
नरेश कुमार साह पेशे से ग्रामीण चिकित्सक हैं. उन्होंने बताया कि उन्होंने 12 साल पहले सोनपुर मेले से इस विदेशी नस्ल के कुत्ते को ख़रीदा था. बचपन से ही उसे दुलार से पाल रखा था. घर के सदस्यों जैसा था. टॉनी आसपास के लोगों की भी आंखों का तारा था. उसकी मौत के बाद हम सबने मिलकर उसे ऐसी विदाई देने की सोची, जो लोगों के लिए प्रेरणा बन सके. जिस तरह से आदमी की मौत पर अंतिम यात्रा निकाली जाती है, उसी तरह टॉनी की मौत के बाद उसके लिए अर्थी बनवाई और उसकी अंतिम यात्रा निकाली गई. गंगा की सहायक वाया नदी किनारे उसे दफनाया गया.