फर्स्ट बिहार की खबर का असर, अब कर्नाटक नहीं बिहार की घी से तैयार होगा महावीर मंदिर में नैवेद्यम; इस कंपनी के साथ हुआ डील

फर्स्ट बिहार की खबर का असर, अब कर्नाटक नहीं बिहार की घी से तैयार होगा महावीर मंदिर में नैवेद्यम; इस कंपनी के साथ हुआ डील

PATNA : आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाले लड्डू में पशु चर्बी होने के दावे से विवाद छिड़ा हुआ है। इस बीच बिहार की राजधानी पटना में स्थित प्रसिद्ध महावीर मंदिर में जब फर्स्ट बिहार की टीम पहुंची और इसके देख रेख कर रहे आचार्य किशोर कुणाल से सवाल किया कि आप बिहार की डेयरी से घी क्यों नहीं लेते तो उन्होंने कहा कि बिहार की डेयरी शुद्ध गाय का घी बड़ी मात्र में उपलब्ध नहीं करवा सकती है। इसके बाद जब इसको लेकर हमने डेयरी ने इन सवालों जा जवाब मांगा तो उन्होंने कहा कि यदि मांग की जाए तो हम जरूर उपलब्ध करवा सकते हैं। लिहाजा, अब यह तय हो गया है कि महावीर मंदिर में बिहार के डेयरी का घी इस्तेमाल किया जाएगा। 


दरअसल, फर्स्ट बिहार की पहल पर सुधा डेयरी ने शुद्ध गाय का घी देने की पेशकश की है। मंदिर ने सुधा डेयरी के इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए तत्काल 100 किलो घी देने का अनुरोध किया है। इसे नैवेद्यम बनाकर भक्तों की राय ली जाएगी। इसके बाद थोक में ऑर्डर देने का निर्णय लिया जाएगा। महावीर मंदिर ट्रस्ट की ओर से कहा गया है कि नंदिनी की तरह सुधा डेयरी भी प्रमाणित करें कि आपूर्ति किया गया घी शुद्ध गाय के दूध से बना है। साथ ही नंदिनी की दर पर या उससे कम दर पर इसे उपलब्ध कराया जाए। 


मालूम हो कि अभी नैवेद्यम बनाने के लिए कर्नाटक से नंदिनी डेयरी का घी आता है। बेंगलुरु से भेजने के बाद भी 590 रुपये प्रति किलो शुद्ध गाय के घी की नंदिनी के द्वारा आपूर्ति की जाती है। पदाधिकारियों के अनुसार महावीर मंदिर पटना ने 2015 से फरवरी 2023 के बीच कई बार सुधा डेयरी के अधिकारियों से नैवेद्यम के लिए शुद्ध गाय का घी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया। यह अनुरोध महावीर मंदिर पटना के नैवेद्यम् प्रभाग ने सुधा डेयरी के अधिकारियों को ई-मेल के माध्यम से किया। मगर मंदिर प्रशासन को इसका जवाब नहीं मिला। उन्होंने बताया कि महावीर मंदिर की ओर से सुधा के अधिकारियों से अंतिम अनुरोध 22 फरवरी 2023 को ई-मेल से किया गया था।


पटना से सदन सिंह की रिपोर्ट