GAYA: आरोपी को पकड़ने के लिए फरियादी से पुलिस जीप में भरवायी गयी डीजल भरवायी गयी थी। इसी मामले में गया के फतेहपुर थानाध्यक्ष को एसएसपी ने तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। अब थानाध्यक्ष को सिर्फ जीवन यापन भत्ता ही मिल सकेगा। 27 सितंबर को फर्स्ट बिहार ने इस खबर प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद इस मामले की जांच के लिए टीम का गठन किया गया। जांच टीम ने जब रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी तब इस मामले पर एक्शन ली गयी। गया एसएसपी द्वारा तत्काल फतेहपुर थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया। निलंबन की अवधि के दौरान अब थानाध्यक्ष का मुख्यालय पुलिस केंद्र रहेगा और सामान्य जीवन यापन भत्ता ही दिया जाएगा।
फतेहपुर थानाध्यक्ष पर पीड़ित युवक ने जो आरोप लगाए उसे गया एसएसपी ने गंभीरता से लिया। जांच टीम गठित कर पूरे मामले की जांच करायी गयी। अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी ने मामले की जांच की। जांच में वह सारी बातें सामने आई जिसे फर्स्ट बिहार ने उजागर किया था। हत्या के आरोपित को पकड़ने के लिए संबंधित केस के आईओ व थानाध्यक्ष दोनों ही सरकारी वाहन से गए थे। इस दौरान फरियादी विपुल कुमार से पुलिस की गाड़ी में डीजल भरवाए जाने की बातों की पुष्टि हुई। जांच के दौरान जब थानाध्यक्ष से पूछा गया तब अपर पुलिस अधीक्षक के समक्ष यह स्वीकार किया कि एक साथ दोनों सरकारी गाड़ी का तेल खत्म हो गया था। जिसके कारण तेल भरवाना पड़ा। थानाध्यक्ष के इस जवाब से जांच टीम संतुष्ट नहीं हुई जिसके बाद रिपोर्ट को एसएसपी को सौंपा गया। जिसके बाद एसएसपी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया।
क्या था पूरा मामला?
पीड़ित की मदद से हत्या के मुख्य आरोपी को गया पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इस दौरान गया पुलिस ने उल्टे उसे ही चुना लगा दिया। पुलिस ने फरियादी युवक से गाड़ी में करीब पांच हजार रुपये का तेल भरवाया। युवक ने इस दौरान अपनी मजबुरियां पुलिस को बतायी लेकिन पुलिस उसकी मजबुरियों को सुनने को तैयार नहीं थी। गाड़ी में तेल भरवाने से मना करने पर पुलिस कर्मियों ने उसे गालियां दी थी और पिटाई करने के लिए भी आगे बढ़ी थी। पीड़ित युवक ने पुलिस की डर से pay phone के माध्यम से फतेहपुर रोड स्थित बृजमोहन फ्यूल पर जाकर 4,778 रुपए का तेल पुलिस वैन में भरवाया। पुलिस की गाड़ी में तेल भरवाते तस्वीर CCTV में कैद हो गई थी। बात यहीं नहीं खत्म हुई गया पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश करने के लिए 5,000 रुपए भी युवक से ले लिया। धमकी भरे लहजे में यह कहा कि यदि पैसे नहीं दिए तो केस बिगाड़ देंगे।
गौरतलब है कि फतेहपुर थाना क्षेत्र के पकड़ी गांव की एक महिला की 25 अक्तूबर 2020 को हत्या कर दी गयी थी। हत्या के आरोपी मिथिलेश सिंह को बनाया गया था। लेकिन मिथिलेश सिंह की गिरफ्तारी एक वर्ष से नहीं हो सकी थी। मृतका के बेटे विपुल सिंह अपनी मां के हत्यारे की गिरफ्तारी के लिए लगातार पुलिस से मिला करता था। लेकिन पुलिस लगातार टालमटोल कर रही थी। मृतका के बेटे विपुल सिंह ने बताया कि 21 सितंबर फतेहपुर पुलिस को साथ लेकर वह बोधगया थाना क्षेत्र के ग्राम मौनिया में गया था।
जहां छापेमारी करायी जहां से आरोपी मिथिलेश सिंह को पकड़ा गया। लेकिन शाबाशी देने के बजाए दोनों अधिकारियों ने पुलिस की गाड़ी में डीजल भरवाने की बात कही। विपुल ने कहा कि उसकी मां अब इस दुनियां में नहीं है। पिता किसान हैं आमदनी कम है किसी तरह से वह अपनी पढ़ाई कर रहा है। ऐसे में पांच हजार का तेल कैसे भराए। लेकिन जब पुलिस की टीम ने दबाव बना और मारपीट पर उतारू हो गये तब उसने पुलिस की डर के कारण पे फोन के माध्यम से चार हजार 778 रुपये का तेल भरवा दिया।
पुलिस की गाड़ी में तेज भरवाने का फुटेज पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी में कैद हो गयी।पीड़ित विपुल ने यह भी बताया कि इससे भी मन नहीं भरा और पुलिस का लालच और बढ़ गया। पुलिसकर्मियों ने फिर यह मांग रख दी कि आरोपी को कोर्ट में पेश कराना है पांच हजार दो, नहीं तो केस बिगड़ जाएगा। पीड़ित ने फिर पांच हजार रुपये दिए। इस खबर के प्रकाशन के बाद जांच गठित की गयी। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर एसएसपी ने कार्रवाई करते हुए तत्काल फतेहपुर थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया।