फर्स्ट बिहार की खबर का असर, घूस लेने वाले रोजगार सेवक को किया गया बर्खास्त

फर्स्ट बिहार की खबर का असर, घूस लेने वाले रोजगार सेवक को किया गया बर्खास्त

JAMUI: जमुई में रिश्वत लेने वाले पंचायत रोजगार सेवक पर कार्रवाई की गयी है। एग्रीमेंट रद्द कर उन्हें बर्खास्त किया गया है। 12 हजार घूस लेते वीडियो वायरल हुआ था। फर्स्ट बिहार ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित की थी। एक बार फिर फर्स्ट बिहार की खबर का असर हुआ है।


 लक्ष्मीपुर प्रखंड क्षेत्र के नजरी पंचायत में पैसे लेते पंचायत रोजगार सेवक का वीडियो सामने आने के बाद 24 घंटे के भीतर रोजगार सेवक को स्पष्टीकरण देने को कहा गया था। लक्ष्मीपुर प्रखंड क्षेत्र के नजारी पंचायत में पीआरएस के द्वारा पैसे लेने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है। उप विकास आयुक्त ने पंचायत रोजगार सेवक का अनुबंध रद्द कर दिया है साथ ही उसे बर्खास्त कर दिया है। 


गौरतलब है कि लक्ष्मीपुर प्रखंड क्षेत्र के नजारी पंचायत के पंचायत रोजगार सेवक बिंदेश्वरी मंडल का 12 हजार रूपये घूस लेते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसके बाद उप विकास आयुक्त ने यह कार्रवाई की है. मामला मनरेगा के तहत क्रियान्वित नहर की सफाई से जुड़ा हुआ है. बताया जाता है कि गांव में एक नहर की सफाई के लिए मनरेगा से योजना की स्वीकृति प्रदान की गई थी. 


इसी मामले में मजदूरी का पैसा बकाया होने के कारण जब संवेदक के द्वारा पंचायत सेवक से भुगतान करने की बात कही गई, तब पंचायत रोजगार सेवक बिंदेश्वरी मंडल के द्वारा 18 हजार रुपए घूस की मांग की गई थी. इसी दौरान जब संवेदक पंचायत रोजगार सेवक को 12 हजार रूपये देने उसके कमरे पर पहुंचा था, इसी दौरान उसने चुपके से इसका वीडियो भी बना लिया था. वीडियो में यह साफ सुना जा सकता है कि रोजगार सेवक यह कह रहा है कि पैसा नहीं देने के कारण मेरा दिमाग खराब हो गया था, अब पैसा मिल गया है तो मेरा दिमाग ठीक हो गया है.


 यह वीडियो सामने आने के बाद जिलाधिकारी राकेश कुमार ने मामले में कार्रवाई करने की बात कही थी. जिसके बाद उप विकास आयुक्त शशि शेखर चौधरी ने लक्ष्मीपुर प्रखंड के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी को यह निर्देश दिया था कि 24 घंटे के भीतर रोजगार सेवक का स्पष्टीकरण उससे मांगा जाये. इसके बाद रोजगार सेवक के द्वारा व्हाट्सएप के माध्यम से अपना पक्ष रखा गया था. 


स्पष्टीकरण में उसने बताया था कि उसे ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से यह वीडियो बनाया गया है. हालांकि जांच में यह कुछ सामने नहीं आया, इसके बाद उप विकास आयुक्त ने यह कार्रवाई की है तथा तत्काल प्रभाव से पंचायत रोजगार सेवक का अनुबंध रद्द करते हुए उसको बर्खास्त कर दिया है. हालांकि इसके बाद पंचायत रोजगार सेवक अपना पक्ष जिला पदाधिकारी के समक्ष अपील के माध्यम से रख सकता है.


मामला जमुई के लक्ष्मीपुर प्रखंड क्षेत्र के नजारी पंचायत का है। जहां रोजगार सेवक की पहचान बिंदेश्वरी मंडल के रूप में हुईं है। वायरल वीडियो एक महीने पूर्व का बताया जाता है। हालांकि वायरल वीडियो की पुष्टि फर्स्ट बिहार नहीं करता है। वायरल हो रहे वीडियो में रोजगार सेवक यह कह रहा है कि रिश्वत का पैसा सभी को दिया जाता है। मुखिया से लेकर जेई तक सबको इसका हिस्सा जाता है। जब पैसे देने वाले शख्स ने कहा कि अगर आप सुबह में ही फोन कर दिए होते तो हमको इतना परेशान नहीं होना पड़ता। आप हम पर ध्यान ही नहीं देते हैं।  


इसके जवाब में पीआरएस कहता है कि है कि बाकी पीआरएस अठारह हजार पेमेंट करता है। हम साठ हजार पेमेंट करते हैं। इसके बाद उक्त व्यक्ति के द्वारा 12 हजार रिश्वत के रूप में दिया गया। 12 हजार रुपए लेने के बाद रोजगार सेवक कहता है कि और 6 हजार रुपये दो। जिस पर उक्त व्यक्ति ने कहा कि अभी इतना रखिए और बाद में दे देंगे। जिसके बाद रोजगार सेवक अपनी आपबीती सुनाने लगा। रोजगार सेवक यह कहता है कि आप लोग समझते नहीं हो ऊपर तक पैसा देना पड़ता है। इधर रोजगार सेवक का रिश्वत लेने का वीडियो वायरल होने के बाद प्रखंड के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। 


दरअसल नजरी पंचायत में मनरेगा योजना के तहत नरेश दास के घर से पारस सिंह के घर तक नाले के सफाई जून 2023 में किया गया था। जिसकी फंड की निकासी के लिए रिश्वत की मांग की गई। वही इस मामले के सामने आने के बाद रोजगार सेवक बिदेश्वरी मंडल ने इसे हल्के में लेते हुए कहा की अगर पैसा दिया होगा तो वीडियो बनाया होगा। मामले पर जमुई जिलाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि वीडियो संज्ञान में आया है। इस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे व्यक्ति को डिस्चार्ज किया जाएगा गलत काम करने वाले बख्शा नहीं जाएगा। अब रोजगार सेवक पर कार्रवाई की गयी है।