DESK: कौन कहता है कि आसमां में छेद नहीं होता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों.. किसी शायर की यह पंक्तियां तो आपने सुनी ही होगी लेकिन दुनिया में बहुत कम लोग ही होते हैं जो इसे चरितार्थ कर पाते है। ऐसा वही कर पाते हैं जिनमें कुछ कर गुजरने का जज्बा होता है। मां थोला नागमणि और बेटी त्रिलोकिनी ने अपने जज्बे से वह मुकाम हासिल किया। दोनों मां-बेटी दारोगा बन गयी हैं।
जी हां हम बात कर रहे हैं तेलंगाना की एक मां और बेटी की जो आज अपनी कड़ी मेहनत से दारोगा बन गयी हैं। कुछ महीने पहले ही तेलंगाना पुलिस ने दारोगा की बहाली निकाली थी। इस प्रतियोगिता परीक्षा में दोनों मां बेटी शामिल हुई थी। दोनों ने कड़ी लगन और मेहनत से लिखित और फिजिकल परीक्षा में सफलता हासिल की और आज दोनों तेलंगाना पुलिस में दारोगा बन गयी हैं।
अब दोनों मां-बेटी की सफलता की चर्चा इलाके में खूब हो रही है। पड़ोसी और परिवारवाले का हुजूम घर पर देखा जा रहा है जो दोनों मां-बेटी को बधाई देने के लिए पहुंच रहे हैं। एक साथ मां-बेटी के दारोगा बनने की खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी है। बधाई देने वालों का तांता घर पर लगा हुआ है।
तेलंगाना के खम्मम जिले के चेन्नाराम गांव की रहने वाली 38 वर्षीया थोला नागमणि 2007 में होम गार्ड के रूप में तेलंगाना पुलिस में भर्ती हुई थीं और विभाग में काम कर रही थी। जब उनकी बेटी 21 साल की हुई तब बेटी त्रिलोकिनी ने डिग्री हासिल कर ली। तभी तेलंगाना पुलिस ने दारोगा की बहाली निकाली थी। दोनों मां-बेटी ने एक साथ फॉर्म भरा और लिखित और फिजिकल परीक्षा में शामिल हुई। दोनों को एक साथ सफलता हासिल हुई। अब दोनों मां-बेटी दारोगा बन गयी है।
अपनी बेटी की सफलता से मां थोला नागमणि काफी खुश है। वह कहती हैं कि 'मुझे गर्व है कि मेरी बेटी भी पुलिस विभाग में भर्ती हो गयी। अब हम दोनों पुलिस अधिकारी के रूप में काम करेंगे। मां-बेटी की इस सफलता से परिवार के लोग तो खुश है ही आस पड़ोस के लोग भी काफी खुश है। दोनों मां-बेटी को बधाई देने के लिए घर पर तांता लगा हुआ है।