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8 नाबालिग लड़कियों को किया गया बरामद, धर्मांतरण के लिए नागपुर ले जाने की थी योजना

8 नाबालिग लड़कियों को किया गया बरामद, धर्मांतरण के लिए नागपुर ले जाने की थी योजना

ROHTAS: रोहतास में नाबालिग बच्चियों के धर्मांतरण की बात कथित तौर पर सामने आ रही है। बताया जाता है कि इन बच्चियों को मुफ्त शिक्षा व भोजन का लालच देकर नागपुर के इसाई मिशनरी में रखा जाना था। एनजीओ व चाइल्ड लाइन की मदद से ऐसे 8 आदिवासी लड़कियों को मुक्त कराया गया है। वहीं दो दलाल को भी पकड़ा गया है।


रोहतास के पहाड़ी इलाके में कथित तौर पर धर्मांतरण के लिए नाबालिग लड़कियों को बहला फुसलाकर दीक्षा भूमि ट्रेन से महाराष्ट्र के नागपुर ले जाने का एक बड़ा मामला सामने आया है। इस मामले को ह्यूमन ट्रैफिकिंग से भी जोड़ कर देखा जा रहा है।


बताया जाता है कि रोहतास के तिलौथू इलाके में इन दिनों पहाड़ी इलाके के रहने वाले जनजाति के लड़कियों को प्रलोभन देकर नागपुर ले जाने की योजना थी। इसे धर्म परिवर्तन से जुड़ा मामला भी बताया जा रहा है। एनजीओ व चाइल्ड लाइन की मदद से ऐसे 8 आदिवासी लड़कियों को मुक्त कराया गया है।


बता दें कि इसी 12 सितंबर को डेहरी ऑन सोन रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने एक नाबालिग लड़की का रेस्क्यू किया था। जिसकी निशानदेही पर महिलाओं के लिए काम करने वाली एनजीओ 'परिवर्तन विकास संस्था' के सहयोग से जब रोहतास थाना क्षेत्र में पिपराडीह गांव में दविश बनाई गई, तो एक मकान के कमरे से 8 लड़कियां बरामद हुई। जिसमें से दो झारखंड के गढ़वा जिले की रहने वाली है। जबकि अन्य लड़कियां कैमूर पहाड़ी के हरैया, गोरियारी, नागा टोली, रेहल गांव की है।


 लड़कियों को बिचौलियों से बचाने वाली परिवर्तन विकास संस्था की सचिव सविता डे ने बताया कि कंप्यूटर शिक्षा देने के नाम पर इन अनपढ़ बच्चियों को ले जाया जा रहा था। बताया जाता है कि कैमूर पहाड़ी पर कई ईसाई मशीनरी या सक्रिय हैं जो गरीब आदिवासी बच्चियों को निशाना बना रहे हैं एवं उसे दूसरे प्रांतों में ले जाकर नौकरी दिलाने के नाम पर धर्म परिवर्तन तक करवा रही हैं। फिलहाल सभी बच्ची को पटना जिला के मोकामा चाइल्डलाइन को सौंपा गया है।


इस संबंध में रोहतास थाना में FIR दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई हैं। लेकिन फिलहाल जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी इस पर बोलने को तैयार नहीं है। वही चाइल्ड वेलफेयर सोसाइटी के लोग भी खुलकर सामने नहीं आ रहे हैं। जबकि सूत्रों की माने तो इलाके से 50 से अधिक लड़कियों को अब तक नागपुर के अलावा अन्य जगहों पर भेजा जा चुका है। बड़ी बात है कि इस ह्युमन ट्रैफिकिंग में धर्मांतरण का भी मामला जुड़ा हुआ है।