MUZAFFARPUR: आपने वेतन में देरी होने पर शिक्षकों का आक्रोश तो देखा होगा। कई बार वे हड़ताल तक पर उतर आते हैं। लेकिन मुजफ्फरपुर जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी इस शिक्षक के फैन हो जाएंगे। नीतीश्वर काॅलेज में हिंदी के असिस्टेंट प्राेफेसर डाॅ. ललन कुमार ने अपने 2 साल 9 महीने की सैलरी यानी की 23 लाख रुपये लौटा दिए हैं। सुनकर आपको भी हैरानी होगी कि सैलरी आते ही ललन कुमार यूनिवर्सिटी जाकर सैलरी लौटा दी और कहा कि कॉलेज में 2 साल 9 महीने से मैंने एक भी छात्र को शिक्षा नहीं दी है।
कुलसचिव डॉ आरके ठाकुर ने उन्हें सैलरी लेने के लिए काफी समझाया-बुझाया, लेकिन ललन कुमार अपने फैसले पर अड़े थे। बताया जा रहा है कि नीतीश्वर कॉलेज में छात्र लगातार एब्सेंट रहे। इसको लेकर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ ललन कुमार ने अपनी सैलरी यूनिवर्सिटी को लौटा दी है। डाॅ. ललन ने मंगलवार काे इस राशि का चेक बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलसचिव डाॅ. आरके ठाकुर काे सौंपा ताे सभी चौंक गए। अंत में कुलसचिव को ये राशि लेनी पड़ी।
आपको बता दें कि डाॅ. ललन 24 सितंबर 2019 काे बहाल हुए थे। वरीयता में नीचे वाले शिक्षकाें काे पीजी में पोस्टिंग मिली, जबकि इन्हें नीतीश्वर काॅलेज दिया गया। यहां उन्हें यहां पढ़ाई का माहाैल नहीं दिखा ताे विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि उस काॅलेज में स्थानांतरित किया जाए, जहां एकेडमिक कार्य करने का माैका मिले। विश्वविद्यालय ने इस दाैरान 6 बार ट्रांसफर ऑर्डर निकाले, लेकिन डॉ. ललन का ट्रांसफर नहीं हुआ।