दोस्ती के नाम पर बिना वीजा तीन विदेशी लड़कियों को लाया भारत, गलत काम कराने की थी प्लानिंग ; ऐसे सामने आया सच

दोस्ती के नाम पर बिना वीजा तीन विदेशी लड़कियों को लाया भारत, गलत काम कराने की थी प्लानिंग ; ऐसे सामने आया सच

PATNA : भारत में अगर किसी विदेशी नागरिक को आना होता है तो उसके लिए पहले से तय दो देशों के नियमों का पालन करना होता है। लेकिन, जब इन नियमों का उलंघन किया जाता है तो फिर मामला कुछ और होता जाता है। अब इन्हीं नियमों के उलंघन का मामला निकल कर सामने आया है। यहां उज्बेकिस्तान की 3 बहनें नेपाल के रास्ते बिहार पहुंच गई। अब यह तीनों बहनें वैशाली जिले के हाजीपुर में फंसी हैं। 


दरअसल, उज्बेकिस्तान की 3 बहनों की फेसबुक पर युवक से दोस्ती हुई। इसके बाद इन तीनों बहनों को बहला - फुसला कर नेपाल के रास्ते भारत में लाया। अब इनलोगों को जिस्म की मंडी में परोसने की प्लानिंग थी। उससे पहले इनलोगों को अररिया में एसएसबी ने पकड़ लिया। उसके बाद मामला अररिया कोर्ट में पहुंचा तो न्यायालय ने तीनों बहनों को निर्दोष बताते हुए उन्हें उज्बेकिस्तान भेजने का निर्देश दिया। लेकिन, कोर्ट के निर्देश के बाद भी ये तीनों को बहनें पिछले 10 महीनों से बिहार इंस्टिट्यूट ऑफ करेक्शनल एडमिनिस्ट्रेशन में सजा काट रही हैं। 


वहीं, अब अपने देश से तीन हजार किलोमीटर दूर आयी इन लड़कियों को वापस अपने देश ले जाने इसकी एक और बहन राजधानी पटना के गलियों में घूमकर तलाश कर रही है। अपनी तीन बहनों को ढूंढते हुए बड़ी बहन डेढ़ साल से इंडिया में है। लगातार कोशिश करने के बाद भी वह अपनी बहनों को वापस ले जाने में असफल रही। 



इस घटना को लेकर बड़ी बहन ने बताया कि मेरी तीनों छोटी बहन निर्दोष हैं। BICA हाजीपुर के लोग मेरी बहनों को अपने परिवार से बातचीत करने की भी अनुमति नहीं देते हैं। 6 जून 2023 को जब मैं वहां पहुंची तो मुझे उनसे नहीं मिलने दिया गया। वहां के ऑफिसर से लड़ाई करने के बाद मुझे उनसे मिलने दिया गया। मैं अपनी बहनों के हाथ पर घाव को देख कर चौंक गई। उसने बताया कि मुझे यहां पर कोई भी मानवीय सुविधा नहीं दी जाती है,ना तो पहनने के लिए कपड़े दिए जाते है ना ही खाने के लिए खाना। मुझे डर है कि भविष्य में मेरी बहनों के साथ कोई दुर्घटना ना हो जाए।


मेरी बहनों को मानव तस्करी में फंसा कर नेपाल के रास्ते इंडिया लाया गया। यहां उनके पास पासपोर्ट नहीं होने की वजह से SSB ने गिरफ्तार कर लिया। उन्हें बस एक बार फोन करने का मौका दिया गया। तब मेरी बहनों ने मुझे फोन कर इस बात की जानकारी दी। अररिया कोर्ट ने मेरी बहनों को 8 अगस्त 2022 को निर्दोष बताते हुए निर्वासन (डी पोर्ट) का आदेश दिया था। इसके बाद इन्हें (BICA) हाजीपुर में रखा गया। बड़ी बहन का कहना है कि जब तक बिहार पुलिस लीव इंडिया का नोटिस नहीं निकालती है तब तक तीनों बहनें अपने देश नहीं जा सकती हैं।