AURANGABAD : बिहार के औरंगाबाद सदर अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद डॉक्टर ने कोरोना वायरस की अफवाह फैला दी. नतीजा ये हुआ कि मरीज के परिजन शव को छोड़ कर भाग खड़े हुए. अस्पताल के कर्मचारी और डॉक्टर भी हॉस्पीटल छोड़कर गायब हो गये. बाद में सिविल सर्जन को आकर ये बताना पड़ा कि डॉक्टर ने गलत अफवाह फैलायी थी. डॉक्टर के खिलाफ जांच का आदेश दिया गया है.
डॉक्टर ने फैलायी अफवाह
दरअसल जहानाबाद जिले का 23 वर्षीय युवक बंटी औरंगाबाद के रामपुर गांव में शादी की फोटोग्राफी करने आया था. गुरूवार की सुबह उसने बताया कि उसके गले में बहुत दर्द हो रहा है. इसके बाद परिजन उसे लेकर औरंगाबाद सदर अस्पताल आये. लेकिन कुछ घंटे बाद उसकी मौत हो गयी. औरंगाबाद सदर अस्पताल में उसका इलाज कर रहे डॉक्टर ने पुर्जे पर कोरोना के कारण मौत होने की बात लिख दी. हालांकि इसका कोई ठोस आधार नहीं था.
डॉक्टर की आशंका के बाद भागे परिजन
डॉक्टर द्वारा आशंका जताये जाने के बाद बंटी का इलाज कराने आये लोग शव को छोड़कर भाग खड़े हुए. अस्पताल के कर्मचारी और डॉक्टर भी गायब हो गये. शव को अस्पताल के बाहर खुले में छोड़ दिया गया. अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था ठप हो गयी.
सिविल सर्जन ने दी सफाई
कोरोना की अफवाह फैलने के बाद मचे हड़कंप को शांत करने के लिए सिविल सर्जन डॉ अकरम अली ने प्रेस कांफ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि मरीज में कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं मिले हैं. शव का पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया गया है. पोस्टमार्टम के बाद ही क्लीयर हो पायेगा कि मौत किस कारण से हुई.
डॉक्टर की जांच होगी
उधर डीपीएम डॉ मनोज ने कहा कि कोरोना वायरस की गलत अफवाह फैलायी गयी है. डॉक्टर ने किस आधार पर मरीज के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की बात लिखी है इसकी जांच करवायी जायेगी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सारी बातें स्पष्ट हो जायेगी.
वैसे कुछ लोगों ने शक जाहिर किया है कि बंटी कुमार को जहरीला पदार्थ खिला दिया गया था. इससे ही उसकी मौत हुई. हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पायी है.