डॉक्टरों की शराब पार्टी पर बोले DMCH के प्रिंसिंपल, मैं वहां नहीं था..साबित हो गया तो दे दूंगा इस्तीफा

डॉक्टरों की शराब पार्टी पर बोले DMCH के प्रिंसिंपल, मैं वहां नहीं था..साबित हो गया तो दे दूंगा इस्तीफा

DARBHANGA: उत्तर बिहार का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज अस्पताल DMCH अपने किसी ना किसी कारनामे के वजह से हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। लेकिन इस बार का मामला कुछ अलग है। जिस अस्पताल में नशामुक्ति के इलाज चल रहा हो। उसी अस्पताल के गेस्ट हाउस में डॉक्टरों द्वारा शराब पार्टी की गयी। डीएमसीएच के गेस्ट हाउस में डॉक्टरों के शराब पार्टी करते हुए वीडियो अब वायरल हो रहा है। 


डीएमसीएच की दीवारों पर नीतीश कुमार के तस्वीर के साथ शराबबंदी के लिखे स्लोगन ही उनके आंखे खोलने के लिए काफी था। लेकिन शायद इन स्लोगनों पर डॉक्टरों की नजर गई नहीं होगी। या शायद वे भूल गये होंगे कि वे ऐसे प्रदेश में हैं जहां सात साल से पूर्ण शराबबंदी है। डीएमसीएच के प्रिसिंपल का कहना है कि वे शराब पार्टी में नहीं थे। यदि साबित हो गया तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।


बता दें कि पेडिकॉन कांफ्रेंस में पहुंचे डाॅक्टर ने शराबबंदी को सफल बनाने के लिखे स्लोगन को दरकिनार करते कानून को ताखपर रखकर गेस्ट हाउस के कमरे के अंदर शराब पार्टी का आयोजन कर चियर्स कहकर पार्टी का मजा लेने लगे। वही गेस्ट हाउस की दीवारें शराबबंदी की याद दिलाते चीखती रही। दीवारों पर लिखे स्लोगन बिहार में शराबबंदी की याद दिलाता रहा। इसके बावजूद डॉक्टरों ने शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ाते रहे। वही वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन हरकत में आई और मौके पर पहुंचकर छापेमारी कर गेस्ट हाउस के ग्राउंड फ्लोर के एक कमरे से तीन विदेशी शराब की बोतल को बरामद किया। 


वही इस संदर्भ में जब DMCH के प्राचार्य के.एन. मिश्रा से पूछा में गया कि शराब पार्टी की मेहफिल में आप उपस्थित थे। इस पर प्रचार्य ने कहा कि मेरे बारे में वहां बैठने का जो दावा किया जा रहा है। वह गलत है। अगर यह साबित हो जाए तो मैं अपना पोस्ट छोड़ दूंगा। मुझे शराब वाली बात समाचार से ही पता चली है। हमारे यहां बहुत बाहर के डॉक्टर आए हुए हैं। कोई हैदराबाद से तो कोई मुंबई से तो कई लोग दिल्ली और गुजरात से भी आये हुए है। उन लोगों को रहने के लिए रूम दिया गया था। उनका सामान चेक करना मुश्किल था। इस घटना को लेकर जांच कमेटी बना रहे हैं। जिसमें तीन-चार आदमी शामिल होंगे और जांच करेंगे कि शराब कहां से आई और किसने लाया। अभी कांफ्रेंस चल रहा है और बाहर के लोग सब आए हुए हैं। शराब पीने में हमारे यहां का कोई डॉक्टर नहीं है।


गौरतलब है कि बिहार में शराबबंदी क़ानून के प्रति लोगों में जागरूकता को लेकर सरकार प्रचार प्रसार पर करोडों रुपए खर्च कर रही है। ताकि इस अभियान को सफल बनाया जा सके। वही दूसरी तरफ डीएमसीएच परिसर में चल रहे चार दिवसीय 32 वां बिहार पेडिकॉन कॉन्फ्रेंस में पहुंच रहे देशभर के नामचीन डॉक्टरो ने डीएमसीएच के गेस्ट हाउस में शराब पार्टी करते हुए शराबबंदी कानून का धज्जी उड़ा दिया। नतीजतन शराब पार्टी करते का जब वीडियो वायरल हुआ। तब प्रशासन ने कारवाई करते हुए गेस्ट हाउस में छापेमारी कर तीन बोतल शराब जप्त कर वायरल वीडियो में दिख रहे लोगों की शिनाख्त कर कार्रवाई में जुटी हुई है।