दो साल में भी खुशी को नहीं ढूंढ सकी बिहार की निकम्मी पुलिस, हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने शुरू की जांच

दो साल में भी खुशी को नहीं ढूंढ सकी बिहार की निकम्मी पुलिस, हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने शुरू की जांच

MUZAFFARPUR: बिहार में पुलिस की नाकामी का एक और मामला सामने आया है। मामला मुजफ्फरपुर में करीब पौने दो साल पहले हुए 6 साल की खुशी के अपहरण से जुड़ा है। करीब दो साल बीत जाने के बाद भी अपने निकम्मेपन के कारण बिहार पुलिस मासूम को तलाश नहीं कर सकी। अब हाई कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने खुशी अपहरणकांड में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर अरण कुमार को केस का आइओ नियुक्त किया गया है।


दरअसल, ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के पमरिया टोला निवासी राजन साह की 6 साल की बेटी खुशी कुमारी घर के सामने सरस्वती पूजा के पंडाल में खेल रही थी। 16 फरवरी 2021 की रात करीब आठ बजे वह पूजा पंडाल से अचानक गायब हो गई थी। खुशी के पिता राजन साह के बयान पर 18 फरवरी 2021 को ब्रह्मपुरा थाने में केस दर्ज किया गया था। लेकिन करीब पौने दो साल का समय बीत जाने के बावजूद मुजफ्फरपुर पुलिस लापता खुशी को तलाश नहीं कर सकी। 


इस मामले में हाईकोर्ट ने केस की जांच सीबीआई को सौंपने के साथ ही कहा था कि केस में पुलिस आईओ और सुपरवीजन अधिकारियों ने घोर लापरवाही बरती है। कोर्ट ने लापरवाही के पीछे पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच का आदेश एसएसपी जयंतकांत को दिया था। हालांकि, अब तक मामले में अधिकारियों की भूमिका तय कर कार्रवाई नहीं हो पाई है। जब हाईकोर्ट ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाया और अधिकारियों की लापरवाही पर बिंदुवार जवाब मांगा तो एसएसपी जयंतकांत ने एसआईटी गठित की थी।


पटना हाईकोर्ट ने बीते पांच दिसंबर को पुलिस से यह केस सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। इसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया है और जांच शुरू कर दी है। सीबीआई ब्रह्मपुरा थाना में खुशी के पिता राजन के आवेदन पर दर्ज एफआईआर की प्रति को मूल मानकर नए सिरे से मामले की जांच करेगी। पुलिस जांच की भी सीबीआई की टीम पड़ताल करेगी।