PATNA: DMK नेता दयानिधि मारन ने एक कार्यक्रम के दौरान यूपी और बिहार के रहने वाले लोगों के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। दयानिधि ने कहा था कि यूपी और बिहार के लोग तमिलनाडु में आकर टॉयलेट साफ करते हैं। हिन्दी बोलने वाले ये लोग यहां आकर यह काम करते हैं। यूपी बिहार के लोग तमिलनाडु में कंस्ट्रक्शन से जुड़े छोटे-मोटे काम करते हैं। मारन के इस बिगड़े बोल से बवाल मच गया है। DMK नेता दयानिधि मारन के बिहार और यूपी के लोगों को लेकर दिए गए बयान को लेकर सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है।
एक ओर जहां दयानिधि मारन के बयान से इंडी गठबंधन नें शामिल जेडीयू और आरजेडी ने किनारा कर लिया है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी और एनडीए के दल हमलावर हो गए हैं। बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा ने मारन के इस विवादित बयान को लेकर नीतीश और लालू को घेरा है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस तरह का बयान दे रहे हैं उन पर ना तो लालू प्रसाद टिप्पणी करते हैं और ना ही नीतीश कुमार ही जवाब मांगते हैं। आश्चर्य होता है कि ये दोनों नेता मौन क्यों है?
ऋतुराज सिन्हा ने आगे कहा कि ये आश्चर्यजनक और दुखद है कि डीएमके का बड़ा नेता जो कैबिनेट मंत्री भी रह चुका है जो कि तथाकथित इंडी एलायंस का बड़ा चेहरा भी है। वो इस तरह बिहारियों के श्रम का मजाक उड़ाते हुए उनकों शौचालय साफ करने वाला बताते हैं। यह उनकी अज्ञानता है वो शायद यह नहीं जानते है कि इसी बिहार से तमिलनाडु कैडर में बड़े-बड़े पद पर जो आईएएस अफसर बैठे हैं वो बिहार के हैं। अपोलो और चेन्नई के बड़े-बड़े अस्पतालों में भी जो डॉक्टर है उसमें अनेकों बिहार से ही है। वही वहां के सॉफ्टवेयर और आईटी के क्षेत्र में जो काम कर रहे हैं वो बच्चे भी बिहार से ही है।
ऋतुराज सिन्हा ने कहा कि मरान साहब की अज्ञानता और मानसिकता उनके बयान से साफ झलकती है। डीएमके ने बिहार और यूपी के लोगों का अपमान करने की ठान ली है। डीएमके के नेता हिन्दू समाज और उत्तर पूर्वी भारत के लोगों का अपमान कर रहे है। ऋतुराज ने पूछा कि क्या नीतीश कुमार और लालू यादव ऐसे नेता के साथ रहेंगे जो बिहार के करोड़ो जनता को शौचालय साफ करने वाला बताते हैं। इन दोनों नेताओं के अंदर बिहारी आत्मा कब जागेगी। जब बिहारी आत्मा जागेगी तभी मरान से ये लोग जवाब मांगेंगे।
यदि मारन पूरे बिहार से माफी नहीं मांगते हैं तो इंडी एलायंस से नीतीश को बाहर निकल जाना चाहिए। ये सारे हिन्दू धर्म और बिहार को गाली देने वाले लोग है। लेकिन शर्म की बात तो यह है कि जितने इंडी एलाइंस के घटक दल है जो कभी हिन्दू धर्म को मलेरिया और डेंगू बताते है तो कभी बिहारियों पर निशाना साधते हैं ऐसे जितने लोग है इन पर ना तो लालू यादव टिप्पणी करते हैं और नीतीश कुमार जवाब मांगते है। आश्चर्य लगता है कि ये दोनों नेता मौन क्यों है?