DESK: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य अपने विवादित बयान को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। इस बार दिवाली के मौके पर भी उन्होंने बेतुका बयान दिया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पत्नी की पूजा करते तस्वीरें उन्होंने पोस्ट की और मां लक्ष्मी पर सवाल उठाये। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस पोस्ट के बाद यूजर्स उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं। अब जानिये कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर क्या कुछ लिखा हैं।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर समाजवादी पार्टी के नेता ने कुछ फोटोग्राफ्स भी अपलोड किया है। जिसमें वो अपनी पत्नी को माला पहना रहे हैं। मांग में सिन्दूर कर रहे हैं। दीवाली का गिफ्ट भी देते दिख रहे हैं।
दीवाली के मौके पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या ने अपनी पत्नी की पूजा करते हुए और सम्मान देते हुए लिखा कि पूरे विश्व के प्रत्येक धर्म, जाति, नस्ल, रंग व देश में पैदा होने वाले बच्चे के दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख, दो छिद्रों वाली नाक के साथ एक सिर, पेट व पीठ ही होती है, चार हाथ,आठ हाथ, दस हाथ, बीस हाथ व हजार हाथ वाला बच्चा आज तक पैदा ही नहीं हुआ तो चार हाथ वाली लक्ष्मी कैसे पैदा हो सकती है? यदि आप लक्ष्मी देवी की पूजा करना ही चाहते हैं तो अपने घरवाली की पूजा व सम्मान करें जो सही मायने में देवी है क्योंकि आपके घर परिवार का पालन-पोषण, सुख-समृद्धि, खान-पान व देखभाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभाती है।
स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि दुनिया में पैदा होने वाले सभी बच्चे, दो हाथ, दो पैर, दो कान, दो आंख के साथ पैदा होते हैं तो मां लक्ष्मी के 4 हाथ कैसे? इसी को लेकर अब वे यूजर्स के निशाने पर आ गए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या के इस पोस्ट के बाद यूजर्स उन्हें जमकर ट्रोल कर रहे हैं। बता दें कि समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य इससे पहले भी अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में आए थे।
इससे पहले रामचरितमानस, ब्राह्मणों और भगवान राम को लेकर विवादित बयान उन्होंने दिया था जिसे लेकर उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया था। अब दिवाली के मौके पर उनका एक और विवादित बयान सामने आया है जिसे लेकर सोशल मीडिया यूजर्स सवाल उठा रहे हैं। समाजवादी नेता के मां लक्ष्मी पर बयानबाजी करने को लेकर ट्रोल कर रहे हैं। X यूजर रजनीश दूबे ने कमेंट्स किया है कि उससे पहले आपको अपनी मां का भी पूजा करना चाहिए। लेकिन जैसे ही कोई हिंदू धर्म को त्याग करता है वह अपने संस्कार भी भूल जाता है और उसके साथ ही अपनी परवरिश और माता-पिता को भी भूल जाता है।