NEW DELHI : देश की राजधानी दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार चल रही है। इस पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल दिल्ली में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी बैठे हुए हैं। इस कड़ी में अब एक रोचक मामला दिल्ली सरकार से जुड़ा हुआ सामने आया है। दिल्ली सरकार में एक नेता ऐसे भी है जिनके पास कोई भी विभाग नहीं है , लेकिन वह दिल्ली सरकार के मंत्री है। जबकि इसके इतर उपमुख्यमंत्री के पास विभागों का भरमार पड़ा हुआ है।
दरअसल , दिल्ली सरकार के तरफ से शुक्रवार को मंत्रियों के पोर्टफ़ोलियो जानकारी साझा की है। इसको लेकर दिल्ली सरकार के तरफ से एक लिस्ट भी जारी किया गया है। इस लिस्ट के मुताबिक़ दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन को कोई विभाग नहीं दिया गया है। जिसके बाद से इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि दिल्ली सरकार में अब बिना विभाग के मंत्री रहने लगे है। इसके आलावा जो दुरी सबसे अहम चीज़ है वह यह है कि खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल के पास भी कोई विभाग नहीं है वह बिना किसी विभाग के मुख्यमंत्री बने हुए हैं। शायद यह पुरे देश का पहला मामला होगा जब वहां के मुख्यमंत्री के पास कोई भी विभाग नहीं हो। वैसे तो अधिकतर राज्यों में यह तय माना जाता है कि मुख्यमंत्री अपने पसंद के अनुसार विभाग रखता है और यदि किसी विभाग का जिम्मा किसी को नहीं दिया गया है तो वह विभाग भी मुख्यमंत्री के पास ही रहता है। लेकिन, दिल्ली में सबकुछ बदला हुआ नजर आ रहा है, यहां जिन विभागों का जिम्मा किन्हीं को नहीं दिया गया है तो उस विभाग की जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया संभालेंगे।
आपको बता दें कि, मंत्रियों के पोर्टफ़ोलियो के अनुसार जो लिस्ट तैयार की गई है उस लिस्ट के अनुसार मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, सत्येंद्र जैन,इमरान हुसैन,कैलाश गहलोत,राज कुमार आनंद का नाम शामिल किया गया है। इस सूचि में शामिल एक सिर्फ एक मंत्री सत्येंद्र जैन को कोई भी विभाग नहीं दिया गया है, जबकि सबसे अधिक विभाग मनीष सिसोदिया के पास है। मनीष के पास कुल 18 विभाग है साथ ही बचे हुए विभागों भी हैं। सबसे काम विभाग इमरान हुसैन के पास है, इनके पास मात्र 2 विभाग है। वहीं गोपाल राय के पास 3, कैलाश गहलोत के पास 6, राज कुमार आनंद के पास 4 विभाग है।