PATNA : विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने वीआरएस के लिया है. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे ने वीआरएस के लिए सरकार से आग्रह किया था, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है. डीजीपी के वीआरएस के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है. बिहार सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है.
सत्ता के गलियारे में इस बात की चर्चा है कि गुप्तेश्वर पांडे वीआरएस लेने के बाद अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करने वाले हैं. गुप्तेश्वर पांडे बक्सर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. बक्सर से मिली जानकारी के मुताबिक उनके करीबियों ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है.
डीजीपी का कार्यकाल पूरा होने के लगभग 5 महीने पहले ही उन्होंने पद से वीआरएस ले लिया है. बिहार सरकार की ओर से डीजीपी के स्वैच्छिक सेवानिवृति को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. पिछले कई दिनों से लगातार ये ख़बरें सामने आ रही थीं कि डीजीपी इसबार के विधानसभा चुनाव में अपना किस्मत आजमाने को लेकर अपने पद से स्वैच्छिक सेवानिवृति ले सकते हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भोजपुर या बक्सर जिले के किसी विधानसभा सीट से गुप्तेश्वर पांडेय अपना भाग्य आजमा सकते हैं. पिछले कई दिनों से डीजीपी लगातार बक्सर जिले में थे. जिसके बाद ये कयास लगाए जा रहे थे कि डीजीपी बक्सर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. वहीं दूसरी ओर भोजपुर जिले के शाहपुर सीट से भी चुनाव लड़ने की ख़बरें सामने आ रही हैं.
1961 गुप्तेश्वर पांडेय का जन्म भी बक्सर जिले के एक छोटे से गांव गेरुआ गांव में ही हुआ था. 12वीं कक्षा में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करने के बाद पाण्डेय ने पटना विश्वविद्यालय में नामांकन कराया. इन्होंने पटना यूनिवर्सिटी से अपनी पढाई पूरी की थी. 1986 में आइआरएस बने. तब वह अपनी इस नौकरी से संतुष्ट नहीं थे, उन्होंने दोबारा यूपीएससी की परीक्षा दी और आइपीएस बने.
गुप्तेश्वर पांडेय 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. पिछले साल 31 जनवरी 2019 को उन्हें बिहार का डीजीपी बनाया गया था. फिलहाल उनका कार्यकाल पूरा होने में करीब 5 महीने का समय बाकी था. डीजीपी के रूप में गुप्तेश्वर पांडेय का कार्यकाल 28 फरवरी 2021 को पूरा होने वाला था. 31 साल की सेवा में गुप्तेश्वर पाण्डेय एएसपी, एसपी, एसएसपी, डीआइजी, आइजी, एडीजी के रूप में बिहार के 26 जिलों में काम कर चुके हैं. अपने कार्यकाल के दौरान गुपतेश्वर पांडेय बिहार के कई बड़े जिलों में पुलिस कप्तान की भूमिका में रहें. इन्हें मुजफ्फरपुर रेंज के आईजी के रूप में भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी.