Bihar Weather Update: थमी बारिश, अब चढ़ेगा पारा! तापमान 40 डिग्री पार, गर्मी से बेहाल होंगे लोग Bihar cyber crime: साइबर अपराधियों का नया नेटवर्क उजागर, क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ठगी का पैसा भेजा जा रहा विदेश! Industrial Township Bihar: रोजगार और सुविधाओं का केंद्र बनेगा बिहार Ayush Mhatre: आयुष म्हात्रे ने पहले ही मैच में तोड़ा 18 साल पुराना रिकॉर्ड, विस्फोटक बल्लेबाजी देख फैंस बोले “इसे अब तक बचाकर क्यों रखा था” बेतिया में ग्रामीणों का इंसाफ: गांव की लड़की से छेड़खानी करने वाले 2 मनचलों को जमकर पीटा, चेहरे पर कालिख लगाकर चप्पल से पिटाई का Video Viral Lawrence Bishnoi: लॉरेंस बिश्नोई गैंग में धड़ल्ले से हो रही युवाओं की भर्ती, चुनौती से निपटने के लिए पुलिस ने तैयार किया मास्टरप्लान वर्दी का ख्वाब साकार कर रहे हैं अजय सिंह, फिजिकल की तैयारी के लिए युवाओं को दे रहे हाई जम्पिंग गद्दा कर्नाटक में पूर्व DGP की हत्या, पत्नी पर लगा संगीन आरोप, बिहार के रहने वाले थे ओम प्रकाश PBKSvsRCB: पंजाब किंग्स पर जीत के साथ विराट कोहली ने तोड़ डाला धोनी का यह बड़ा रिकॉर्ड, अब रोहित शर्मा की बारी Bihar News: चुनावी साल में केंद्र सरकार ने खोला खजाना, बिहार के लिए बनाया विकास का यह मेगा प्लान; जानिए..
DESK: लॉकडाउन में फंसे दिव्यांग के पास कोई घर जाने के लिए चारा नहीं बचा तो उसने हिम्मत की और वह ट्राई साइकिल से दिल्ली से बिहार के लिए चल पड़ा. दो सप्ताह तक ट्राई साइकिल चलाते हुए वह करीब 900 किमी की दूरी तय कर यूपी के गाजीपुर पहुंच गया.
500 किमी से अधिक की दूरी और करना है तय
दिव्यांग के हिम्मत और हौसले को देख सभी दंग है. दिव्यांग बिहार के अररिया जिले का रहने वाला है. उसको घर जाने के लिए अभी 500 किमी की दूरी और तय करना है. जब युवक दिल्ली से निकला था तो उस समय न तो श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा हुई थी और न ही कोई भरोसा मिला था. ऐसे में यह युवक अपने दम पर ही दिल्ली से निकल पड़ा.
रोज 60 से 65 किमी चलाई सााइकिल
जुबैर बताते हैं कि वह बचपन से ही दिव्यांग है. घर जाने के लिए रोज करीब 60 से 65 किमी तक ट्राई साइकिल चलाया. वह दिल्ली से निकलने से पहले वह गाजीपुर में मछली बेचा करता था, लेकिन दो साल पहले वह दिल्ली नौकरी के लिए चला गया, लेकिन वहां पर कोई नौकरी नहीं मिली और उल्टे ही वह लॉकडाउन में फंस गया. परेशान होकर कुछ भूजा का पैकेट और नमकीन लेकर ही वह गांव के लिए निकल पड़ा. बता दें कि इससे पहले भी कई बिहारी रिक्शा, ठेला और साइकिल से बिहार आ चुके हैं. लेकिन किसी दिव्यांग की दिल्ली से आने का यह संभवत: पहला मामला है. बता दें कि लॉकडाउन के कारण बिहार के लाखों मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हैं. श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने से पहले हजारों पैदल ही अपने घर पहुंच गए. उसके बाद श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला लिया गया. इन ट्रेनों से भी हजारों मजदूरों को अब तक बिहार लाया जा चुका है.