DELHI: इस वक्त की बड़ी खबर देश के सियासी गलियारे से आ रही है। दिल्ली में कल यानी 6 दिसंबर को होने वाली इंडी गठबंधन की बैठक स्थगित कर दी गई है। तीन राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस ने आनन-फानन में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी। ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, अखिलेश यादव समेत अन्य नेताओं के बैठक में शामिल होने पर संशय था। ऐसे में फजीहत से बचने के लिए कांग्रेस ने जिस तेजी से बैठक बुलाई थी उससे अधिक रफ्तार से बैठक को स्थगित भी कर दिया।
दरअसल, पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में इंडी गठबंधन में शामिल दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे थे। कांग्रेस को तीन राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी ने प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज की। तीन राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस को गठबंधन का याद आई और उसने आनन-फानन में दिल्ली में 6 दिसंबर को इंडी गठबंधन की बैठक बुला ली।
इंडी गठबंधन में शामिल दल विधानसभा चुनाव में हार के लिए कांग्रेस को जिम्मेवार बताते रहे। एक तरफ जहां पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आनन-फानन में बुलाई गई इस बैठक से किनारा कर लिया तो वहीं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के भी बैठक में शामिल होने पर संशय की स्थिति थी। उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी बैठक में जाने से किनारा कर लिया। एक तरफ नीतीश कैबिनेट की बैठक कर रहे थे तो दूसरी तरफ बीमारी का हवाला देकर दिल्ली जाने से इनकार कर दिया।
कांग्रेस को इस बात का अंदाजा अच्छी तरह से लग गया था कि विधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन के दलों में नाराजगी है। एक के बाद एक कई नेताओं के बैठक से किनारा करने और नीतीश कुमार की नारागजी सामने आने के बाद फजीहत से बचने के लिए कांग्रेस ने जिस तेजी से बैठक बुलाई थी उससे दोगुनी तेजी से बैठक को स्थगित कर दिया। अब इस बैठक के स्थगित होने के बाद इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है।