समाजसेवी अजय सिंह ने मदद के बढ़ाए हाथ, पुलिस और आर्मी भर्ती की तैयारी कर रहे युवाओं को सौंपा जंपिंग गद्दा Success Story: पुलिस ने मांगी रिश्वत तो लड़की ने शुरू कर दी UPSC की तैयारी, पहले IPS बनीं; फिर IAS बनकर पिता का सपना किया साकार JEE Main 2025: जेईई मेन में VVCP के छात्र-छात्राओं ने फिर लहराया परचम, जिले के टॉप थ्री पर कब्जा BIHAR NEWS: बिहार के गरीबों के लिए 2102 करोड़ रू की मंजूरी, जल्द ही खाते में जायेगी राशि, डिप्टी CM ने PM मोदी को कहा 'धन्यवाद' Chanakya Niti: दौलत, औरत और औलाद ...चाणक्य ने इन्हें क्यों बताया अनमोल? नीतीश कुमार को बड़ा झटका, जेडीयू के पूर्व विधायक मास्टर मुजाहिद आलम ने दिया इस्तीफा Namami Gange Yojana: बिहार के इस जिले को केंद्र सरकार की सौगात, नमामी गंगे और अटल मिशन के तहत मिलेगा साढ़े पांच सौ करोड़ का विकास पैकेज जनेऊ नहीं उतारा तो परीक्षा से किया बाहर, FIR के बाद बढ़ी सियासत Parenting Tips: पढ़ाई के दौरान क्यों आती है बच्चों को नींद? ये काम करें; दूर हो जाएगी परेशानी Bihar politics: बहुमत है, पर नैतिकता नहीं', बीजेपी पर बरसे मनोज झा, वक्फ कानून की वापसी की उठाई मांग!
1st Bihar Published by: SANT SAROJ Updated Wed, 09 Feb 2022 03:11:42 PM IST
SUPAUL : सुपौल में स्वास्थ्य व्यवस्था हासिये पर है सरकार के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के दावे को उनकी ही व्यवस्था आईना दिखाने का काम कर रही है. ताजा मामला त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल का है जहाँ रेफर एक्सीडेंटल पेसेंट को एम्बुलेंस नहीं मिलने से उसकी मौत अस्पताल में ही हो गई है.
दरअसल लापरवाही के कई कारनामों को लेकर यह अस्पताल हमेशा सुर्खियों में रहा है. लेकिन आज जदिया थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर वार्ड नम्बर 3 के रहने वाले 19 वर्षीय सिंटू कुमार जब जदिया के अनंतपुर चौक के पास तेज रफ्तार बाइक की चपेट में आकर घायल हो गये तो परिजनों ने उन्हे त्रिवेणीगंज के अनुमंडलीय अस्पताल लाया. जहां डॉक्टरों ने उसे बेहतर ईलाज के लिए रेफर कर दिया.
लेकिन रेफर होने के डेढ़ घंटे बाद तक परिजनों को एक्सीडेंट में घायल सिंटू को बाहर ले जाने के लिए सरकारी एम्बुलेंस नहीं मिल पाया. खटारा एम्बुलेंस के सहारे चल रहे अस्पताल का एम्बुलेंस उस वक्त गैरेज में था. जब तक परिजन 75 सौ रुपये में निजी एम्बुलेंस रिजर्व कर अस्पताल पहुंचे तब तक घायल सिंटू कुमार की मौत हो चुकी थी.
गौरतलब है कि मात्र दस दिन पूर्व भी पेसेंट को लाने जा रहे सरकारी एम्बुलेंस को अस्पताल में धक्का मार कर स्टार्ट किया जा रहा था. पूर्व में भी कई बार खबर चलाई गई है. उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन की नींद नहीं खुली औऱ आज जब एक्सीडेंट में घायल पेसेंट की मौत हो गई. इस मामलें में अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि बार बार सीएस को पत्र लिखने के बाबजूद भी कोई संज्ञान नही लेता है.