बिहार के हेल्थ सिस्टम की शर्मनाक तस्वीर.. डेढ़ घंटे इंतजार के बाद भी नहीं मिला एंबुलेंस, तड़पकर मर गया मरीज

बिहार के हेल्थ सिस्टम की शर्मनाक तस्वीर.. डेढ़ घंटे इंतजार के बाद भी नहीं मिला एंबुलेंस, तड़पकर मर गया मरीज

SUPAUL : सुपौल में स्वास्थ्य व्यवस्था हासिये पर है सरकार के बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के दावे को उनकी ही व्यवस्था आईना दिखाने का काम कर रही है. ताजा मामला त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल का है जहाँ रेफर एक्सीडेंटल पेसेंट को एम्बुलेंस नहीं मिलने से उसकी मौत अस्पताल में ही हो गई है.


दरअसल लापरवाही के कई कारनामों को लेकर यह अस्पताल हमेशा सुर्खियों में रहा है. लेकिन आज  जदिया थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर वार्ड नम्बर 3 के रहने वाले 19 वर्षीय सिंटू कुमार जब जदिया के अनंतपुर चौक के पास तेज रफ्तार बाइक की चपेट में आकर घायल हो गये तो परिजनों ने उन्हे त्रिवेणीगंज के अनुमंडलीय अस्पताल लाया. जहां डॉक्टरों ने उसे बेहतर ईलाज के लिए रेफर कर दिया. 


लेकिन रेफर होने के डेढ़ घंटे बाद तक परिजनों को एक्सीडेंट में घायल सिंटू को बाहर ले जाने के लिए सरकारी एम्बुलेंस नहीं मिल पाया. खटारा एम्बुलेंस के सहारे चल रहे अस्पताल का एम्बुलेंस उस वक्त गैरेज में था. जब तक परिजन 75 सौ रुपये में निजी एम्बुलेंस रिजर्व कर अस्पताल पहुंचे तब तक घायल सिंटू कुमार की मौत हो चुकी थी. 


गौरतलब है कि मात्र दस दिन पूर्व भी पेसेंट को लाने जा रहे सरकारी एम्बुलेंस को अस्पताल में धक्का मार कर स्टार्ट किया जा रहा था. पूर्व में भी कई बार खबर चलाई गई है. उसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन की नींद नहीं खुली औऱ आज जब एक्सीडेंट में घायल पेसेंट की मौत हो गई. इस मामलें में अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि बार बार सीएस को पत्र लिखने के बाबजूद भी कोई संज्ञान नही लेता है.