पटना में नगर निगम की लापरवाही से खुला मेनहोल बना जानलेवा, नाले में गिरा बच्चा पहली उड़ान बनी आखिरी सफर, सऊदी नौकरी पर निकले युवक ने फ्लाइट में दम तोड़ा, विदेश में नौकरी का सपना रह गया अधूरा जमुई में नक्सलियों की बड़ी साजिश नाकाम, जंगल से 24 सिलेंडर बम बरामद भागलपुर-हंसडीहा मुख्य मार्ग पर भीषण सड़क हादसा, महिला की मौत, 6 की हालत गंभीर Patna News: पटना एयरपोर्ट के लिए जारी हुआ नया आदेश, उल्लंघन किया तो होगी कड़ी कार्रवाई बेगूसराय में टला बड़ा हादसा: चलती ट्रेन के इंजन में लगी आग, यात्रियों ने कूदकर बचायी अपनी जान गांधी सेतु पर ट्रक और पिलर के बीच फंसा बाइक सवार, ट्रैफिक पुलिस ने किया रेस्क्यू AI in election: AI की चालबाज़ी से उलझे बिहार के वोटर! फर्जी कॉल्स-Deepfake से फैला भ्रम, अब चुनाव आयोग कसेगा शिकंजा! प्यार के लिए लड़का बना लड़की, अब पति किन्नर से शादी की जिद पर अड़ा Bihar politics : तेजस्वी ने किया 'महिला संवाद' पर हमला, जदयू का पलटवार...क्या महिलाओं की तरक्की से डरते हैं नेता प्रतिपक्ष?
PATNA : दरभंगा स्टेशन पर पार्सल बम ब्लास्ट के तार अब पाकिस्तान से जा जुड़े हैं. पाकिस्तान से चलने वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ब्लास्ट की साजिश रची थी और इस मामले में एनआईए ने जिन 2 लोगों को गिरफ्तार किया है, वह दोनों भाई आतंकी संगठन के लगातार संपर्क में थे.
गौरतलब है कि दरभंगा पार्सल ब्लास्ट मामले में हैदराबाद में दबोचे गए सगे भाई इमरान मलिक उर्फ इमरान खान और मो. नासिर खान उर्फ नासिर मलिक से शुरुआती पूछताछ में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पूरी साजिश पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा के इशारे पर रची गई थी. नासिर और इमरान फिलहाल हैदराबाद के नामपल्लई में रहते थे पर दोनों मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शामली के रहने वाले हैं.
मिली जानकारी के अनुसार, दोनों भाइयों को जल्द ही NIA ट्रांजिट रिमांड पर पटना लाएगी. एनआईए सूत्रों के मुताबिक, नासिर 2012 में पाकिस्तान गया था. वहां उसने लश्कर के आतंकियों से ट्रेनिंग ली थी. इस दौरान उसे लोकल केमिकल का इस्तेमाल कर आईईडी बनाना भी सिखाया गया था. गिरफ्त में आए नासिर और इमरान ने सिकंदराबाद-दरभंगा ट्रेन में ब्लास्ट के लिए इसी तकनीक का इस्तेमाल करते हुए आईईडी तैयार किया था. हालांकि किसी कारणवश ट्रेन में धमाका नहीं हो पाया. दोनों ने पार्सल में जो आईईडी रखा था, वह बेहद खतरनाक है. धमाके के बाद इससे ट्रेन आग की चपेट में आ सकती थी.
दोनों भाई लश्कर के अपने हैंडलर के संपर्क में थे और उसी के इशारे पर ट्रेन में धमाका करने की साजिश रची गई थी. आतंकी धमाके के जरिए जानमाल को बड़ा नुकसान पहुंचाना था. जांच में यह बात भी सामने आई है कि दोनों भाई अपने हैंडलर से बात करने के लिए सुरक्षित संचार माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे थे.