दलित वोट बैंक को पकड़कर रखना चाहता है JDU, विधानसभा चुनाव में की-प्लेयर होने की उम्मीद

दलित वोट बैंक को पकड़कर रखना चाहता है JDU, विधानसभा चुनाव में की-प्लेयर होने की उम्मीद

PATNA : जनता दल यूनाइटेड ने विधानसभा चुनाव के लिए विकास के एजेंडे के साथ-साथ जातीय गोलबंदी पर भी अपना पूरा ध्यान लगाकर रखा है. लगातार जनता दल युनाइटेड की तरफ से अलग-अलग मोर्चों पर जातीय गोलबंदी और समीकरण का ध्यान रखा जा रहा है. जेडीयू की कोशिश है कि कोई भी तबका उसकी पकड़ से बाहर ना जाने पाए. यही वजह है कि दलित वोट बैंक पर नीतीश कुमार के सिपहसालार उन्हें नजर गड़ा कर रखा हुआ है.


एससी/एसटी तबके के वोटरों की भूमिका विधानसभा चुनाव में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है. विधानसभा चुनाव में इन्हें की प्लेयर के तौर पर देखा जा रहा है और यही वजह है कि लगातार इस तबके से आने वाले मंत्री विधायक बैठक कर रणनीति बना रहे हैं. एक बार फिर से जनता दल यूनाइटेड के एससी/एसटी विधायकों और विधान पार्षदों की बैठक आयोजित हुई. मंत्री महेश्वर हजारी के आवास पर हुई इस बैठक में मंत्री अशोक चौधरी, संतोष निराला, रमेश ऋषिदेव, जदयू विधायक ललन पासवान, प्रेमा चौधरी और रवि ज्योति भी मौजूद रहें.


बैठक में रणनीति के साथ आगे बढ़ने पर सहमति बनी कि नीतीश कुमार की तरफ से किए गए दलितों के उत्थान की योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाया जाये. उसकी चर्चा की जाए और लोगों को यह बताया जाए कि नीतीश कुमार ने एससी-एसटी वर्ग के लिए क्या कुछ किया. जेडीयू नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे ज्यादा दलितों के लिए काम किया है. इसबार के चुनाव में पूरी उमीद है कि एससी/एसटी तबके से आने वाले लोग अपना नेता नीतीश कुमार को ही चुनेंगे.


मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि विपक्ष के लोग तो चरवाहा विद्यालय खोलने का काम किया है. वह तो चाहते थे कि दलित और वंचित समाज के लोग भैंस पर बैठ कर किताब पढ़े, उन्हें उनके विकास से कोई मतलब नहीं था.  पहले एससी/एसटी का बजट कितना था मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब कितना बजट बढ़ा दिया है. विपक्ष के पास कुछ नहीं है. विपक्षी नेता घर बैठ कर बस ट्वीट करते हैं.