PATNA: बिहार में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बिहार में आए दिन साइबर क्राइम के मामला सामने आ रहा है। इसका ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। हर दिन साइबर अपराधी किसी ना किसी को अपना शिकार बना रहे हैं। इन शातिरों को रोक पाना मुश्किल साबित हो रहा है।
इसी को देखते हुए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने यह फैसला लिया है कि साइबर अपराधियों पर लगाम कसने के लिए वो IITians की मदद लेंगे। IIT और NIT के छात्रों के स्किल का इस्तेमाल अब बिहार में किया जाएगा। यू कहें कि आईआईटी और एनआईटी के छात्र अब ईओयू के साथ मिलकर काम करेंगे और बिहार में साइबर अपराधियों को पकड़ेंगे। इसे लेकर जल्द ही एमओयू पर हस्तांक्षर किया जाएगा।
जिसके बाद इन छात्रों के स्किल का उपयोग ईओयू करेगी और साइबर अपराधियों को पकड़ेगी। इससे बिहार में साइबर अपराध पर अंकुश लग सकेगा। मामले पर ईओयू के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए अब कंप्यूटर साइंस बैकग्राउंड के छात्र-छात्राओं को जोड़ा जाएगा।
ये छात्र ईओयू के लिए काम करेंगे और साइबर अपराधियों को पकड़ेंगे। इससे साइबर क्राइम की घटनाएं कम होगी। बिहार में साइबर क्राइम के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 2016 में 309, 2017 में 433, 2018 में 374, 2019 में 1050, 2020 में 1512 साइबर क्राइम के मामले दर्ज किये गये है। ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि साइबर अपराधियों पर IITians भारी पड़ने वाले हैं। MoU पर हस्तांक्षर के बाद EOU और IITians साथ मिलकर बिहार में काम करेंगे और साइबर फ्रॉड को सलाखों के पीछे पहुंचाएंगे।