DELHI : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश कर रही हैं. बजट के इतिहास में ऐसा पहली बार ऐसा हुआ कि इसे कागज पर नहीं छापा गया है, बल्कि इसकी सॉफ्टकॉपी उपलब्ध कराई गई. इसबार सदन में टैबलेट के जरिए वित्त वर्ष 2021-22 का आम पेश किया जा रहा है. आप यहां लाइव देख सकते हैं.
वित्त मंत्री ने स्वास्थ्य बजट 94 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.38 लाख करोड़ रुपये करने का एलान किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैक्सीनेशन के लिए 35,000 करोड़ रुपये का एलान किया गया. वित्त मंत्री ने आटो सेक्टर के लिए वॉलेंटरी स्क्रैपिंग पॉलिसी का एलान किया है. 17 नए हेल्थ इमरजेंसी सेंटर खोलने का एलान किया गया है. वित्त मंत्री ने अर्बन जल जीवन के लिए सरकार ने 2.87 लाख करोड़ का एलान किया. वित्त मंत्री ने 64,180 करोड़ रुपये हेल्थ स्कीम का एलान किया. सभी राज्यों का हेल्थ डेटा बेस तैयार करेंगे. आरएंडी और इनोवेशन पर फोकस है. वित्त मंत्री ने कहा कि हमारा ये बजट 6 स्तंभों पर टिका है. 1. स्वास्थ्य और कल्याण 2. भौतिक और वित्तीय पूंजी, और अवसंरचना 3. आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास 4. मानव पूंजी में नवजीवन का संचार करना। 5. नवप्रवर्तन और अनुसंधान एवं विकास 6. न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज लोकसभा में वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया. कोरोना संकट की वजह से बजट खास है. देश को आत्मनिर्भर बनाने वाला बजट है. बहुत कठिन परिस्थितियों में ये बजट आ रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि "महामारी के दौर में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पैकेज की घोषणा की गई. कोरोना काल में आरबीआई ने 27 लाख करोड़ के पैकेज का एलान किया. लॉकडाउन न करते तो ज्यादा जानें जाती. सरकार ने किसानों के खाते में पैसा भेजा है. 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन बांटा गया. कोरोना काल में 5 मिनी बजट पेश किए गए."
उन्होंने कहा कि "कोरोना काल में सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज जीडीपी का 13 फीसदी दिया. अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए हमें आत्मनिर्भर भारत पर फोकस करना होगा. कोरोना की 2 वैक्सीन अीाी देश में मौजूदा है. ये दशक का पहला बजट है. यह डिजिटल बजट है. इसमें आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने पर जोर दिया जाएगा."
इसबार का बजट काफी उम्मीदों भरा है. किसान, कामगार से लेकर आम करदाता और छोटे और बड़े कारोबारी तक, सभी की नजर बजट पर थी. कोरोना महामारी से बुरी तरह प्रभावित ये वर्ग अपने लिए राहतों की उम्मीद की जा रही थी.