PATNA : बिहार में कोरोना वायरस की जांच को लेकर धीमी रफ्तार के आरोपों के बाद अब नीतीश सरकार की तरफ से आंकड़ा जारी करते हुए इन बातों को खारिज किया गया है. बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने एक आंकड़ा जारी किया है जिसके मुताबिक बिहार कोरोना टेस्ट कराने के मामले में देश के अंदर सातवें पायदान पर है. देश में सबसे ज्यादा कोरोना टेस्ट महाराष्ट्र में कराए गए हैं, लेकिन वहां इंफेक्शन का लेवल भी बढ़ा हुआ है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का पहला मामला 9 मार्च को सामने आया था और वहां 8 अप्रैल तक 26,888 सैंपल टेस्ट कराए जा चुके हैं.
महाराष्ट्र के बाद करोना टेस्ट कराने के मामले में दूसरे नंबर पर राजस्थान है. राजस्थान में 3 मार्च को कोरोना का पहला मामला सामने आया था और वहां 8 अप्रैल तक 16764 सैंपल टेस्ट कराए गए. केरल में 11986, दिल्ली में 7 अप्रैल तक 7884, तमिलनाडु में 6095, कर्नाटक में 6654 टेस्ट कराए गए हैं. जबकि सातवें नंबर पर इस टैली में बिहार है. जहां 8 अप्रैल तक 4991 टेस्ट कराए जा चुके हैं.
बिहार से भी कम सैंपल टेस्ट गुजरात में कराए गए हैं. गुजरात में बिहार से कम 4224 टेस्ट कराए गए हैं जबकि आंध्र प्रदेश में 4504 टेस्ट हुए हैं. छत्तीसगढ़ में 8 अप्रैल तक 2805, पंजाब में 2720 सैंपल टेस्ट, झारखंड में एक 1103 सैंपल टेस्ट और हिमाचल प्रदेश में 662 सैंपल टेस्ट कराए गए हैं.
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि कई लोगों के परीक्षण के बारे में प्रश्न खड़ा किया है. उन्होंने बताया कि विभिन्न स्रोतों का उपयोग करके प्रमुख राज्यों का परीक्षण डेटा संकलित किया है. जहां स्टेट्स ने अधिक परीक्षण किए हैं. जहां सकारात्मक मामलों की रिपोर्ट पहले की गई थी.