PATNA : कोरोना से हुई मौत के मामले में सरकार की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक मदद को लेकर अब आपदा प्रबंधन विभाग ने स्थिति स्पष्ट की है। आपदा प्रबंधन विभाग में स्पष्ट तौर पर कहा है कि कोरोना से हुई मौत के मामलों में परिजनों को आर्थिक मदद केवल उसी शर्त पर मिलेगी जब मौत बिहार में हुई हो। वैसे बिहारी जिनकी मौत कोरोना की वजह से राज्य के बाहर हुई उनके परिजनों को राज्य सरकार की तरफ से अनुग्रह अनुदान यानी मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
विभाग ने कहा है कि राज्य के भीतर जिनकी कोरोना से मौत हुई उनके निकटतम आश्रितों को चार लाख की राशि दी जाएगी। इसके लिए जरूरी है कि मृतक बिहार के रहने वाले हो यानी बिहार में मरने वाले दूसरे राज्य के वासी और बिहार के ऐसे वासी जिनकी मौत से दूसरे राज्य में हुई हो उनके परिजनों को सरकार आर्थिक अनुदान नहीं देगी। सरकार के इस फैसले से स्पष्ट हो गया है कि अगर कोई व्यक्ति राज्य का मूल निवासी नहीं है और उसकी मौत यहां कोरोना से हुई है तो उनके आश्रितों को भी मुआवजा नहीं मिलेगा।
आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत के मुताबिक राज्य सरकार ने कोरोना बीमारी से मरने वाले लोगों के परिजनों के लिए यह व्यवस्था शुरुआत से कर रखी है। पैसे का भुगतान मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जाता है लेकिन कोरोना महामारी को केंद्र ने अधिसूचित आपदा में शामिल किया है लिहाजा अब इस व्यवस्था के तहत मुआवजे का भुगतान आपदा प्रबंधन विभाग से किया जाएगा। राज्य व्यवस्था 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। बिहार में अब तक मुख्यमंत्री राहत कोष से 3737 मृतकों के आश्रितों को 4 लाख का भुगतान किया जा चुका है। आगे जो भी आवेदन आएंगे उनका निपटारा और आपदा प्रबंधन विभाग करेगा। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों में अब तक महामारी से 9537 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 5800 लोगों को अभी मुआवजा दिया जाना है।